आसान नहीं होगा चिदंबरम के लिए सीबीआई के शिकंजे से निकलना, ED भी लाइन में ।आज 2 बजे कोर्ट में होगी पेशी

 


आईएनएक्स मीडिया केस में गिरफ्तार पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को आज दोपहर दो बजे दिल्ली के राउज ऐवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआई उनकी 14 दिन की रिमांड की मांग कर सकती है। ऐसे में इस पूरे मामले में आगे क्या होगा? क्या कहती है प्रक्रिया?
 



हाइलाइट्स:
आज दो बजे राउज ऐवेन्यू कोर्ट में होगी पी चिदंबरम की पेशी
कोर्ट से चिदंबरम की 14 दिन की पुलिस रिमांड मांग सकती है सीबीआई
सीबीआई के साथ ईडी भी रिमांड के लिए कोर्ट से निवेदन कर सकती है
मांग मानने पर हिरासत अवधि तक नहीं हो सकती है जमानत पर सुनवाई
वक़्त नहीं है? 


नई दिल्ली
आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को सीबीआई ने बुधवार रात उनके घर से हिरासत में ले लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया। आज दोपहर दो बजे उन्हें दिल्ली के राउज ऐवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआई उनकी 14 दिन की रिमांड की मांग कर सकती है। यह पूरा मामला अब आगे किस रास्ते पर बढ़ सकता है और सीबीआई के शिकंजे से निकलना चिदंबरम के लिए कितना मुश्किल है, जानिए यहां....
रिमांड पर पहले सुनवाई
सीबीआई आज राउज ऐवेन्यू कोर्ट में चिदंबरम को पेश करेगी। यहां एजेंसी द्वारा उनकी अधिकतम 14 दिन की पुलिस रिमांड (सीबीआई रिमांड) मांगी जा सकती है। यदि कोर्ट सीबीआई की मांग मान लेती है तो चिदंबरम की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। कानून के जानकार सीनियर वकील राजेन्द्र प्रसाद  शर्मा का कहना है कि जब तक रिमांड का समय पूरा नहीं होता, तब तक चिदंबरम की जमानत याचिका पर भी सुनवाई नहीं हो सकती है।


ईडी भी लाइन में
अपने राजनीतिक कार्यकाल में सबसे बड़ी मुसीबत का सामना कर रहे पी चिदंबरम के पीछे दो एजेंसियां हैं। सीबीआई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कोर्ट से चिदंबरम की रिमांड की मांग कर सकता है। अब यह पूरी तरह कोर्ट पर निर्भर करता है कि वह रिमांड की मांग मानती है या नहीं।

... तो होगी जमानत पर सुनवाई
सीनियर वकील प्रवीण सरीन का कहना है कि रिमांड का समय पूरा होने या रिमांड की मांग खारिज होने के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाता है। न्यायिक हिरासत में भेजने के साथ ही आरोपी के वकील जमानत की मांग कर सकते हैं। यदि निचली अदालत में चिदंबरम की जमानत अर्जी खारिज हो जाती है तो वे जमानत के लिए उच्च अदालतों का रुख कर सकते हैं।


यदि कोर्ट से पहले सीबीआई और बाद में ईडी की रिमांड की मांग मान ली जाती है तो यह चिदंबरम के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है। हिरासत अवधि के दौरान कानून आरोपी की जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकती है। यानी, चिदंबरम को भी रिमांड पीरियड तक जमानत मिलने का कोई सवाल नहीं उठता है।


अग्रिम जमानत की अर्जी निष्प्रभावी
चिदंबरम के वकीलों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत पर तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी। इसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए मामले को शुक्रवार के लिए लिस्ट कर दिया था, लेकिन इससे पहले ही सीबीआई ने चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया। ऐसे में चिदंबरम की अग्रिम जमानत की अर्जी निष्प्रभावी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट चिदंबरम के वकीलों को लोअर कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल करने को कह सकती है।