गोमती नदी में 34 गुना अधिक मिला ये खतरनाक बैक्टीरिया,शोधन के बाद भी पानी इस्तेमाल लायक नहीं


    लखनऊ।  राजधानी में गोमती का पानी शोधन के बाद भी इस्तेमाल करने लायक नहीं बचा है। यह हाल नालों का पानी बिना ट्रीटमेंट के सीधे नदी में गिराने से हुआ है। 
  इससे पेट की बीमारियों के लिए जिम्मेदार खतरनाक कॉलीफोर्म बैक्टीरिया ट्रीटमेंट को लिए जाने वाले पानी के मानक से 34 गुना अधिक तक मिल रहा है।
     यूपीपीसीबी के 2019 में अभी तक लिए नमूनों की मासिक रिपोर्ट के मुताबिक हालात बेहद खराब मिले हैं। जनवरी से जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक केवल कॉलीफोर्म ही नहीं पानी में जलीय जीवन बनाए रखने के लिए जरूरी घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा भी न्यूनतम हो गई है।
  वैज्ञानिकों का कहना है कि जलीय जीवन ही नदी के पानी के शुद्ध और प्रदूषणमुक्त होने का संकेत होता है। पानी में ऑक्सीजन नहीं होगी तो जलीय जीवन बच नहीं पाएगा।