नयी दिल्ली, 25 अगस्त (एएनएस) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोगों से अपील की कि वे महात्मा गांधी की इस वर्ष 150वीं जयंती को भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के दिवस के तौर पर मनाएं।
मोदी ने नगर निकायों, गैर सरकारी संगठनों और कॉरपोरेट क्षेत्र से कहा कि वह एकत्र किए गए प्लास्टिक कचरे के दीपावली से पहले उचित निस्तारण के लिए आगे आएं।
इससे पहले भी मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में नागरिकों से अपील की थी कि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक का प्रयोग बंद करें।
मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक संबोधन 'मन की बात' में लोगों से अपील की कि वे इस साल 11 सितंबर से आरंभ होने वाले 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान में भाग लें।
उन्होंने कहा, ''इस साल, दो अक्टूबर को जब हम बापू की 150वीं जयंती मनायेंगे तो इस अवसर पर हम उन्हें न केवल खुले में शौच से मुक्त भारत समर्पित करेंगे बल्कि उस दिन पूरे देश में प्लास्टिक के खिलाफ एक नए जन-आंदोलन की नींव रखेंगे।''
उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को इस साल गांधी जयंती को ''भारत माता को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने'' के दिवस के तौर पर मनाएं।
प्रधानमंत्री ने देश की सभी नगरपालिकाओं, नगरनिगमों, जिला-प्रशासनों, ग्राम-पंचायतों, सरकारी-गैरसरकारी सभी व्यवस्थाओं, संगठनों और नागरिकों से अपील की कि वे प्लास्टिक कचरे के संग्रह एवं भंडारण के लिए उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने की दिशा में काम करें।
उन्होंने कहा, ''मैं कॉरपोरेट क्षेत्र से भी अपील करता हूँ कि जब ये सारा प्लास्टिक कचरा इकठ्ठा हो जाए, तो वे इसके उचित निस्तारण हेतु आगे आयें। इसके निस्तारण की उचित व्यवस्था हो। इसका पुनर्चक्रण किया जा सकता है और इसे ईंधन बनाया जा सकता है। इस प्रकार इस दिवाली तक हम इस प्लास्टिक कचरे के सुरक्षित निपटारे का भी कार्य पूरा कर सकते हैं।''
दीपावली का त्योहार इस साल 27 अक्टूबर को है।
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केवल संकल्प लेने की आवश्यकता है और इसमें ''गांधी से बड़ी प्रेरणा क्या हो सकती है''।
मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में नागरिकों से 'एक बार प्रयोग हो सकने वाले' प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने की अपील की थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि दुकानदार उपभोक्ताओं को पर्यावरण के अनुकूल थैले मुहैया कराएं।
मोदी ने कहा, ''इस मुहिम को लेकर समाज के सभी वर्गों में उत्साह है।... मेरे कई व्यापारी भाइयों-बहनों ने दुकानों में एक तख्तियां लगा दी हैं, जिन पर लिखा है कि ग्राहक अपना थैला साथ ले कर ही आएं। इससे पैसा भी बचेगा और वे पर्यावरण की रक्षा में अपना योगदान भी दे पायेंगे।''