36 साल बाद मिली हत्या के जुर्म से मुक्ति


     प्रयागराज। टूंडला के राजबहादुर सिंह को हत्या के जुर्म से मुक्ति पाने में 36 साल लग गए। 1983 से लंबित उसकी अपील पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने उसे दोषमुक्त करने का आदेश दिया।
  राजबहादुर को अपने एक साथी की हत्या के आरोप में आगरा जिला अदालत से उम्रकैद की सजा हुई थी। सजा के खिलाफ उसने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। अपील पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की पीठ ने अधीनस्थ न्यायालय द्वारा सुनाए गए फैसले को त्रुटिपूर्ण मानते हुए रद्द कर दिया है।
     राजबहादुर के खिलाफ 15 जनवरी 1982 को अपने साथी अमीर सिंह की गोली मारकर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोप है कि राजबहादुर और अमीर सिंह पहले साथ में व्यवसाय करते थे। 
 इस दौरान राजबहादुर का अमीर सिंह के परिवार की एक महिला से नाजायज रिश्ता हो गया। अमीर सिंह इसका विरोध करता था और उसने कई बार राजबहादुर को चेतावनी भी दी थी।