डॉ रोमा स्मार्ट जोज़फ़
बीमार की हालत का पता सबको है लेकिन!
दो रोज कोई जी ले, ये दवा क्यो नही देते!!
मिकते रोज लेकिन ,मगर अनजान से बनकर!
क्या दिल मे छिपा है, बता क्यो नही देते !!
इन घरौंदों में अंधेरे के शिवा कुछ नही बाकी !
तुम आ कर कोई शमा जला क्यो नही देते!!
जिनकी कीमती यादों से घर हमने सजाया है!
आ कर सरे शाम उन्हें चुरा क्यो नही लेते!!
गर चाहते हो मजधार में डूबे ये सफीना!
बेवजह कोई तूफान उठा क्यो नही देते !!