गोमती के घाटों के सौंदर्यीकरण नहीं मिली मंजूरी
शहर में हनुमान घाट और बजरंग घाट के सौंदर्यीकरण के लिए भेजा गया है 61.286 करोड़ का प्रस्ताव
जौनपुर। काशी के घाटों की तर्ज पर गोमती के घाटों के विकास और सौंदर्यीकरण की कार्ययोजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर सकी है। गोमती के घाटों के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए लोक निर्माण विभाग, नगरपालिका और सिंचाई विभाग की ओर से 61.286 करोड़ की कार्ययोजना जनवरी में ही शासन को भेजी गई थी। शहर के विकास के लिए इस परियोजना का लोगों को बेसब्री से इंतजार है।
शहर में गोमती नदी पर बने शाही पुल और सद्भावना पुल के बीच नदी के दोनों घाटों को काशी के घाटों की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी की गई है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग, सिंचाई और नगर पालिका परिषद की ओर से घाटों के विकास और इसके सौंदर्यीकरण के लिए संयुक्त रूप से कार्ययोजना तैयार की गई है। यह कार्ययोजना जनवरी महीने में ही शासन को भेजी गई थी। तत्कालीन नगर विकास राज्य मंत्री ने दावा किया था कि वह इस कार्ययोजना को शासन से बहुत जल्द मंजूर करायेंगे। राज्य मंत्री का विधानसभा क्षेत्र होने के नाते यहां के लोगों को इस बात का भरोसा भी था कि महीने दो महीने में इस पर काम शुरू हो जाएगा, लेकिन नौ महीने का समय बीत गया पर शहर की इस महत्वाकांक्षी कार्ययोजना को अभी तक मंजूरी नहीं मिल सकी। इससे शहर को लोगों में असंतोष है। तत्कालीन कैबिनेट नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की ओर से इस कार्ययोजना की मंजूरी के लिए जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरोद्धार मंत्रालय भारत सरकार को संस्तुति पत्र भेजा गया था। 13 फरवरी 2019 को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि गोमती गंगा नदी की सहायक नदी है। गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सहायक नदियों को भी प्रदूषण मुक्त किया जाना है। इस लिहाज से जौनपुर के गोमती नदी के हनुमान घाट, बजरंग घाट के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए 61.286 करोड़ का डीपीआर भेजा गया है।