जल्द ही उत्तर प्रदेश पूरी तरह से होगा इंसेफेलाइटिस से मुक्त- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

 


*सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए पहली बार उपलब्ध कराई थी इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन*


*पीएम मोदी ने पुरस्कार राशि से दिया टैक्स, क्योंकि उनका मानना था टैक्स पर होता है देश की जनता का अधिकार*


*प्रदेश सरकार की बेहतर प्लानिंग की वजह से प्रदेश में नहीं हुई बाढ़ से कोई क्षति* 


*31 अगस्त, सिद्धार्थनगर।* इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के लिए  एबीपी परिवार की पहल का हृदय से धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं हैं जरूरत है तो पुरुषार्थ की। सिद्धार्थनगर गौतम बुद्ध की धरती है, जिन्होंने अपने जीवन को लोक कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उत्तर प्रदेश को बहुत ही जल्द इंसेफेलाइटिस मुक्त प्रदेश बनाएंगे। 


सिद्धार्थनगर जनपद के लोहिया कला भवन में आयोजित एबीपी गंगा की पहल इंसेफेलाइटिस मुक्त हो उत्तर प्रदेश के परिचर्चा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 21 वर्ष पहले मुझे इंसेफेलाइटिस से जुड़ने का अवसर मिला था। जब मैं पहली बार सांसद बना उस समय बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं का टोंटा था एक ही बेड पर 4-5 बच्चों को लेटना पड़ता था। मैंने तब के मुख्यमंत्री को इन हालातों से अवगत कराया और बीआरडी मेडिकल कॉलेज को अपनी ओर से बेड, बिस्तर आदि भी उपलब्ध कराया।


मुख्यमंत्री ने कहा मैं सड़क से लेकर संसद तक इस बीमारी के खिलाफ लड़ा हूं। सुषमा स्वराज जब देश की स्वास्थ्य मंत्री बनी तो उनके द्वारा मुझे पहली बार 1 लाख इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन उपलब्ध कराईं गयीं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा सुषमा स्वराज से 1 करोड़ वैक्सीन की मांग की गई। बाद में ये वैक्सीन भारत में ही बननी शुरू हो गयी थी।


मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 में प्रदेश में जब बीजेपी की सरकार बनी तो बड़े पैमाने पर जागरूकता दस्तक/संचारी रोग अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत 14 विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया गया और जमीन पर जा कर इस बीमारी से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि एईएस/जेईएस का मूल कारण गंदगी और अशुद्ध जल है। बाजार से खरीदे गए पानी की क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं होती इसलिए उपलब्ध जल को गर्म कर छान कर पीना ही सबसे सुरक्षित है।


मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि सिद्धार्थनगर में 2017 में एईएस के 216 केस आये, जिनमें से 38 की मौत हुई, 2018 में एईएस के 149 केस आये जिनमें से 16 की मौत हुई और 2019 में एईएस के 40 केस आये जिनमें से सिर्फ 3 की मौत हुई। वहीं 2017 में सिद्धार्थनगर में जेई के 55 केस आये जिनमें 16 की मौत हुई, 2018 में जेई के 19 केस आये जिनमें 5 की मौत हुई तो वहीं 2019 में अभी तक जेई के 4 केस आये जिनमें से एक भी मौत नहीं हुई है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। इसके साथ ही गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज को आधुनिक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर एम्स में आज 50 स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया गया है। वहां भी मेडिकल पढ़ाई शुरू हो गयी है। इसके अलावा बस्ती,देवरिया और सिद्धार्थनगर में भी मेडिकल कॉलेज बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा जल्द ही उत्तर प्रदेश को पूरी तरह से इंसेफेलाइटिस मुक्त बनाया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कई राज्य बाढ़ से प्रभावित हैं और उत्तर प्रदेश में भी पहले बाढ़ से भारी तबाही होती थी मगर प्रदेश सरकार की बेहतर प्लानिंग की वजह से इस बार कहीं भी कोई परिवार प्रभावित नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया और नदियों की धारायें मोड़ दी गईं। इससे उन क्षेत्रों में भी पानी पहुंच गया जहां पानी नहीं पहुंच पाता था।
 
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने शियोल शांति पुरस्कार में मिली 1 करोड़ 30 लाख की राशि से टैक्स चुकाया। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि  टैक्स पर देश का अधिकार होता है इसलिए मुझसे भी टैक्स लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उस पूरी राशि को नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिए दान में दे दिया।


कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी, महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी, सांसद जगदम्बिका पाल, डुमरियागंज के विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह, एबीपी न्यूज़ के सीईओ अविनाश पांडेय सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।