मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों और चर्च में एक साथ लागू होगा ये कानून ✍

 


मंदिर हो या मस्जिद, अपनी धार्मिक आस्थाओं और मान्यताओं को लेकर दोनों धर्मों को मानने वाले अपनी अलग राह जरुर चुन सकते हैं, लेकिन एक ऐसा आदेश जारी होने जा रहा है, जिसका पालन करना सबके लिए अनिवार्य होगा।


इस आदेश के तहत मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, चर्च या किसी भी धार्मिक स्थल को दिव्यांग लोगों के लिए भी 'सुगम्य' बनाना जरूरी होगा। इसके तहत धार्मिक स्थलों के मुख्य पूजा स्थान तक दिव्यांगों की आसान पहुंच के लिए रैंप बनाना और धार्मिक स्थल के सभी प्रमुख निर्देश ब्रेल लिपि में अंकित किया जाना अनिवार्य होगा।


इसके लिए 'कानूनी मसौदा' तैयार हो चुका है और अगले हफ्ते में इससे संबंधित आदेश जारी किया जा सकता है। दिव्यांगजनों के लिए आयुक्त कार्यालय, दिल्ली के कमिश्नर टीडी धरियाल ने अमर उजाला को बताया कि वे सभी सुविधाएं जो जन सामान्य के लिए उपलब्ध हैं, उन्हें दिव्यांगजनों को भी उपलब्ध कराया जाना कानूनन अनिवार्य है।


इसके तहत अस्पताल, मॉल, बाजार या सिनेमाघरों में 'सुगम्यता' उपलब्ध कराना शुरु किया जा चुका है। लेकिन धार्मिक स्थल अभी भी दिव्यांगों के लिए ये सुविधाएं देने के मामले में जागरुक नहीं हैं। यही कारण है कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आयुक्त कार्यालय शीघ्र ही एक आदेश जारी कर सभी धार्मिक स्थलों में ये सुविधाएं देना अनिवार्य बनाएगा।