रूस से  एस-400 मिसाइल खरीद  पर अमेरिका को दो टूक!हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि रूस से क्या खरीदना है और क्या नहीं-एस जयशंकर

    रूस से  एस-400 मिसाइल खरीद  पर अमेरिका को दो टूक जवाब देने के बाद एक बार फिर से इसी मसले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान आया है।अमेरिका दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन में कहा कि भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने के अपने फैसले से ट्रम्प प्रशासन को अवगत करा दिया है और उन्होंने भरोसा जताया कि अमेरिका इसके औचित्य को समझेगा। बता दें कि मंगलवार को रूस से एस-400 मिसाइल खरीद पर एस जयशंकर ने अमेरिका को स्पष्ट शब्दों में कहा था कि भारत किससे क्या खरीदेगा, यह उसका अपना विकल्प है। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि हमें कोई देश यह न बताए कि हमें किससे क्या खरीदना है।


रूस के एक पत्रकार ने 'एस-400 ट्राइअम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के फैसले के कारण भारत पर सीएएटीएसए के तहत अमेरिकी प्रतिबंध लगाए जाने की आशंकाओं के बारे में सवाल किया, जिसके जवाब में जयशंकर ने कहा, ''भारत ने एस-400 पर फैसला कर लिया है और हमने अमेरिकी सरकार से भी इस पर बात की है। मैं उन्हें समझाने-बुझाने की अपनी क्षमता को लेकर आश्वस्त हूं।


जयशंकर ने एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक 'सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज' के कार्यालय में कहा, ''मुझे उम्मीद है कि लोग यह बात समझेंगे कि खासकर यह सौदा हमारे लिए कितना महत्त्वपूर्ण है, इसलिए मुझे लगता है कि मुझसे किया गया आपका यह प्रश्न काल्पनिक है।


 


अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुलाकात से पहले पत्रकारों से बातचीत में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत अमेरिका की चिंताओं पर चर्चा कर रहा है लेकिन उन्होंने रूस से एस-400 खरीदने के संबंध में किसी भी अंतिम निर्णय के बारे में पहले से बताने से इनकार कर दिया। विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 खरीदने के लिए स्वतंत्र है। 


उन्होंने काह कि हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि रूस से क्या खरीदना है और क्या नहीं। हमने हमेशा इस बात को कहा है कि हम क्या सैन्य उपकरण खरीदते हैं, यह हमारा संप्रभु अधिकार है। हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि हमें रूस से क्या खरीदना है और क्या नहीं। इसी तरह हम नहीं चाहते कि कोई हमें बताए कि हमें अमेरिका से क्या खरीदना है और क्या नहीं।


जयशंकर ने आगे कहा  इस चयन का अधिकार हमारा है और मुझे लगता है कि इस बात को समझना हरेक के हित में है।गौरतलब है कि रूस की यूक्रेन एवं सीरिया में सैन्य संलिप्तता और अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप के आरोपों के कारण अमेरिका ने 2017 कानून के तहत उन देशों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान किया है जो रूस से बड़े हथियार खरीदते हैं।


 


इससे पहले भी विदेश मंत्री एस जयशंकर को दो टूक जवाब दि था और एस-400 समझौते पर कहा था कि भारत वही करेगा जो उसके राष्ट्रीय हित में है। उन्होंने कहा था कि वह प्रतिबंधों से प्रभावित रूस सहित अन्य देशों के साथ संबंधों में राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा। भारत रूस से एस- 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद रहा है।