शी चिनफिंग से महाबलीपुरम में मीले प्रधानमंत्री मोदी

शी चिनफिंग को तोहफे में तंजावुर की पेंटिंग और नचियारकोइल दीप देंगे प्रधानमंत्री मोदी


भारत के दौरे पर आए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तोहफे के रूप में तंजावुर की एक पेंटिंग और एक नचियारकोइल दीप देंगे। शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के महाबलीपुरम में मौजूद हैं।


   
हाइलाइट्स:
भारत दौरे पर आए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को तोहफा देंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
तोहफे में तंजावुर की पेंटिंग (डांसिंग सरस्वती) और नचियारकोइल दीप दिया जाएग
इन दोनों तोहफों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है, जो भारत की कला को दिखाता है
वक़्त नहीं है? 



महाबलीपुरम चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस समय भारत के दौरे पर हैं। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे मुलाकात की। मेहमान के रूप में भारत आए शी चिनफिंग को प्रधानमंत्री तोहफे के रूप में तंजावुर की एक पेंटिंग और एक नचियारकोइल दीप देंगे। पेंटिंग में देवी सरस्वती को वीणा बजाते हुए देखा जा सकता है।नचियारकोइल दीप


इस दीप को नचियारकोइल ब्रांच का अन्नम दीप कहा जाता है। इसे आठ मशहूर कलाकारों ने मिलकर तैयार किया है। छह फीट ऊंचे और 108 किलोग्राम वजन के इस दीप को पीतल से बनाया गया है, जिसपर सोने की परत चढ़ी है। इसे बनाने में कुल 12 दिन का समय लगा। सबसे पहले इसे पैथर समुदाय के लोगों ने बनाया था। ये लोग 1857 में पहले नागरकोइल से त्रावणकोर आए थे फिर वहां से नचियारकोइल आकर बस गए।



तंजावुर पेंटिंग-डांसिंग सरस्वती
तंजावुर पेटिंग लकड़ी पर की जाने वाली काफी पुरानी पेंटिंग है। इसे तमिलनाडु के शहर तंजावुर का नाम दिया गया है। इसकी शुरुआत 16वीं शताब्दी के आसपास मानी जाती है। इसमें ज्यादातार हिंदू देवी-देवताओं, संतों या फिर पुराणों की कथाओं का वर्णन किया जाता है। शी चिनफिंग को दी जा रही पेंटिंग को बी लोगनाथन ने तैयार किया है। यह पेंटिंग तीन फीट ऊंची, चार फीट चौड़ी और 40 किलोग्राम वजन की है। इस तैयार करने में 45 दिन का समय लगा है।



पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को महाबलीपुरम के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया


क्या है डांसिंग सरस्वती का महत्व?
   


    हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सरस्वती ज्ञान, संगीत, कला, प्रकृति और बुद्धिमत्ता की देवी मानी जाती हैं। इस पेंटिंग में उन्हें वीणा बजाते हुए और खुशी में नृत्य करते हुए दिखाया गया है। इस पेंटिंग में खगोलीय पक्षी 'अन्नम' को भी दर्शाया गया है। 'अन्नम' को पवित्रता, समृद्धि, सुंदरता और दिव्यता का प्रतीक माना जाता है।



बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाबलीपुरम पहुंचकर शी चिनफिंग का स्वागत किया और उनके साथ महाबलीपुरम की ऐतिहासिक धरोहरों को देखा। इस दौरान जिस एक चीज ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, वह था पीएम मोदी का पहनावा। इस मौके के लिए प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के पारंपरिक परिधान धोती (वेष्टि) और शर्ट को चुना।


अनौपचारिक शिखर बैठक होने के चलते चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी सिर्फ पैंट और शर्ट में दिखे। प्रधानमंत्री मोदी के वेष्टि और शर्ट में नजर आने के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।


   तमिलनाडु में मई 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की नजर अपने गठबंधन सहयोगी एआईएडीएमके के जरिए बीजेपी के लिए इस 'अभेद्य किले' में पैठ जमाने की होगी। तमिलनाडु बीजेपी की प्राथमिकता सूची में शामिल है क्योंकि हालिया चुनाव में दक्षिण के इस सूबे में मोदी मैजिक काम नहीं कर पाया।