देशभक्त कौन?....
तथाकथित देशभक्त मीडिया भी झूठी हेडलाइन चला रही है कि साध्वी प्रज्ञा ने अपने बयान के लिये क्षमा माँगी है ।
साध्वी प्रज्ञा ने स्पष्ट कहा है कि उनके बयान को तोड़−मरोड़ कर प्रचारित किया गया,फिर भी यदि उनकी “किसी भी टिप्पणी से किसी की भावना को ठेस पँहुची हो तो उसके लिये क्षमा माँगती हूँ” ।
बयान सही था अतः बयान वापस नहीं ले रही हैं,यदि तोड़−मरोड़कर प्रचारित करने से किसी की भावना को ठेस पँहुची हो तो उस ठेस के लिये क्षमा माँगने का अर्थ समझाना पड़ेगा?
डटी रहो बहना । संसदीय समिति की रिपोर्टें तो साहब देखते भी नहीं,उन समितियों में रहने या न रहने से कोई अन्तर नहीं पड़ता । स्मृति ईरानी तो संसद में गरजती थीं कि वे शिक्षा का भगवाकरण नहीं होने देगी । साध्वी प्रज्ञा तो संसद का ही भगवाकरण कर देगी!आरम्भ से ही संसद का रङ्ग भगवा है,अब ढङ्ग भी भगवा हो रहा है!
राहु गाँधी की आत्मा छटपटा रही होगी,
यदि उसमें आत्मा बची हो तो ⋅⋅⋅ ⋅⋅⋅
उसके गुरु दिग्गी की बैण्ड बजा दी साध्वी ने!अब राहु की बैण्ड बजा रही है ।
जनता ने जिस कार्य के लिये उसे संसद में भेजा वह कार्य बखूबी कर रही है — भगवाविरोधियों का बैण्ड बजाना । संसदीय समितियों के लिये दूसरे लोग हैं ।