जंघई से लखनऊ रेल प्रखण्ड के बीच इलेक्ट्रिक लाइन तैयार होने के बाद भी अभी तक इलेक्टिक इंजन से ट्रेनों का संचालन नहीं शुरू हो सका। करीब 6 महीने पहले लाइन तैयार होने के बाद बीते 30 मई को रेलवे के अफसरों ने ट्रायल कर इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों के संचालन को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन इसके बाद भी सिर्फ इक्का-दुक्का मालगाड़ियों को ही इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ाया जा रहा है। काशी विश्वनाथ,पंजाब मेल,इंटरसिटी सहित एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेनों का इलेक्ट्रिक इंजन से संचालन अभी तक शुरू नहीं हो सका है।जंघई से प्रतापगढ़,रायबरेली रेल प्रखण्ड के बीच इलेक्ट्रिक लाइन तैयार करने के लिए तीन साल पहले कार्यदायी संस्था आरबीएनएल को ठेका दिया गया था। आरबीएनएल ने समय रहते अपना कार्य पूरा कर दिया। इसका ट्रायल भी करवा दिया गया।
ट्रायल के बाद से लखनऊ से वाराणसी वाया रायबरेली, प्रतापगढ़, की ओर जाने वाली इक्का दुक्का मालगाड़ी ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक इंजन से शुरू कर दिया गया। वहीं यात्री ट्रेनों को अभी तक डीजल इंजन से चलाया जा रहा है। विद्युतीकरण के बाद ट्रायल का काम 6 महीने पहले पूरा होने के बाद भी ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक इंजन से न होने का कारण लोगों की समझ में नहीं आ रहा है।अधिकारी भी इस बारे में कुछ नहीं बता पा रहे हैं।
जंघई-लखनऊ रेल प्रखण्ड पर केवल प्रतापगढ़ से बनारस को जाने वाली वीपी पैसेंजर को 25 जनवरी से इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ाया जा रहा है।