लोटा भंटा मेला स्पेशल,वरूणा में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने बाटी चोखा लगा चढ़ाया भोग

 


वाराणसी,18 नवम्बर । मार्गशीर्ष (अगहन) माह के कृष्ण पक्ष की छठवीं तिथि पर सोमवार को हरहुआ रामेश्वर में लगे लोटा भंटा मेले में संतति की कामना से आये श्रद्धालुओं और उनके परिजनों का सैलाब उमड़ पड़ा। आधी रात के बाद से ही लगभग दस किलोमीटर की परिधि में लगे मेले में श्रद्धालु पहुंचने लगे। श्रद्धालुओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच वरुणा नदी में भोर से ही डुबकी लगाना शुरू कर दिया। इसके बाद रामेश्वर महादेव का दर्शन-पूजन कर जलाभिषेक किया।  मेला क्षेत्र में स्थित वरूणा के कछार में जगह-जगह गोहरी के अहरा पर दाल-चावल और बाटी-चोखा बनाकर भोग लगाया और रामेश्वर महादेव को जाकर चढ़ाया । इसके बाद परिजनों और दोस्तों के साथ इसे पूरे श्रद्धाभाव से ग्रहण किया। मेला परिसर में गोहरी, अहरों के चलते हर तरफ धुंआ ही नजर आ रहा था। भोजन के बाद श्रद्धालुओं ने मेले में मौज मस्ती के साथ घुम कर जमकर खरीददारी की। मेले में झूला, चरखा, मौत का कुआं, सर्कस, जादूगर आदि आकर्षण का केन्द्र बना रहा। मेला क्षेत्र में जन्सा, हरहुआ, बड़ागांव, मिर्जामुराद, कपसेठी, लोहता, चोलापुर, चौबेपुर, रामेश्वर की पुलिस टीम लगातार गश्त करती रही। 


*मेले का है पौराणिक महत्व*


जनश्रुति हैं कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण के वध के बाद प्रायश्चित के लिए रामेश्वर में प्रवास किया था। यहां उन्होंने वरुणा नदी से एक मुठठी रेत लेकर शिवलिंग की स्थापना की थी। शिव व राम का प्रथम मिलन होने के कारण यह रामेश्वर धाम नाम से जाना जाता है। एक और मान्यता है कि हजारों पूर्व एक युवा दम्पत्ति पुत्र व कल्याण की कामना से अगहन मास के कृष्ण पक्ष के छठे दिन यहां रात्रि विश्राम कर भगवान राम का स्मरण किया तो उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। इसी विश्वास के चलते निसंतान दम्पति यहां आते है। मंदिर के महंत पंडित अनूप तिवारी ने बताया कि लोटा भंटा मेला काशी में लोक आस्‍था का पर्व है। श्रद्धालु संतति की कामना से वरुणा नदी में पुण्‍य की डुबकी लगाने के बाद रामेश्वर महादेव मन्दिर में दर्शन पूजन करते है। गोहरी के अहरे पर बाटी-चोखा बनाकर रामेश्वर महादेव को भाेग लगाकर ग्रहण करते है। भगवान राम और उनके आराध्य भगवान शिव के मिलन होने की वजह से रामेश्वर महादेव (रामेश्वर तीर्थ धाम) की महत्ता है। इसी महत्ता के कारण मेले में हजारों नि:संतान दम्पति परिवार सहित रविवार की शाम ही मेला क्षेत्र में पहुंच चुके थे। पुरी रात उन्होंने वरूणा के कछार में खुले आसमान के नीचे गुजारा और तड़के ही वरूणा में स्नान घ्यान के बाद अहरा गोहरी की आंच पर खीर, बाटी-चोखा बनाया, और उसी पर हांडी में दाल पकाई। और इस प्रसाद को लेकर रामेश्वर महादेव को अर्पित किया।*वरूणा तट पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद*


लोटा भंटा मेले में आये श्रद्धालुओं के वरुणा नदी में स्नान के दौरान सुरक्षा का व्यापक इंतजाम किया गया है। गोताखोर सुरक्षा उपकरण के साथ मुस्तैद रहे। मेला क्षेत्र में बड़े वाहन , चार पहिया वाहन, टेंपो, बाइक को बैरियर लगाकर रोक दिया गया। नव युवक समिति, ग्राम पंचायत रामेश्वर, रसूलपुर, भोपतपुर व पंचक्रोशी जीर्णोद्धार समिति, क्षेत्र पंचायत सेवापुरी समेत दर्जनों सामाजिक संस्थाएं मेले की व्यवस्था में लगी रहीं।