महाराष्ट्र में सरकार गठन पर भाजपा का भरोसा विधायकों की खरीद-फरोख्त की ओर इशारा करता है: शिवसेना*
मुंबई, 16 नवंबर (एएनएस) शिवसेना ने शनिवार को आरोप लगाया कि शुरुआत में सरकार गठन से पीछे हटने के बाद भाजपा अब महाराष्ट्र में सरकार गठित करने का भरोसा जता रही है और राष्ट्रपति शासन की आड़ में घोड़ाबाजार लगाने (विधायकों की खरीद-फरोख्त करने) की उसकी मंशा साफ दिखाई दे रही है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के उस बयान को लेकर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन छह महीने से अधिक नहीं चलेगा।
पार्टी ने कहा कि नए राजनीतिक समीकरण ''कई लोगों को पेट दर्द दे'' रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को कहा था, ''भाजपा सबसे बड़ा दल है और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हमारी संख्या 119 तक पहुंचती है। इसके साथ भाजपा सरकार बनाएगी।''
शिवसेना ने 'सामना' में कहा, ''जिनके पास 105 सीटें हैं, उन्होंने पहले राज्यपाल से कहा था कि उनके पास बहुमत नहीं है। अब वे सरकार गठन का दावा कैसे कर रहे हैं?''
उन्होंने कहा, ''...घोड़ाबाजार लगाने का उनका मंसूबा अब साफ हो गया है। पारदर्शी सरकार का वादा करने वालों के झूठ अब सामने आ रहे हैं।''
पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के राजनीति और क्रिकेट संबंधी बयान का जिक्र करते हुए कहा, ''गडकरी का संबंध क्रिकेट से नहीं है। उनका संबंध सीमेंट, इथेनॉल, एस्फाल्ट और अन्य चीजों से है।
शिवसेना ने कहा कि क्रिकेट अब खेल कम और कारोबार ज्यादा हो गया है। क्रिकेट में भी ''घोड़ाबाजार और फिक्सिंग'' होती है।
उल्लेखनीय है कि गडकरी ने कहा था, ''क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कभी आपको लगता है कि आप मैच हार रहे हैं लेकिन परिणाम एकदम विपरीत होता है।''
भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन में रहते हुए 21 अक्टूबर का विधानसभा चुनाव लड़ा था। 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े को छू रही थीं। कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को केंद्र को एक रिपोर्ट भेजकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में स्थिर सरकार के गठन को असंभव बताया था, जिसके बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है
सत्ता से दूर भाजपा को दलबदलु विधायकों के पलटने का डर : मलिक*
मुंबई, 16 नवंबर (एएनएस) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा इस बात से घबरायी हुई है कि 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों से पहले जिन राजनेताओं ने उसका दामन थामा था वे अब उसका साथ छोड़ सकते हैं इसलिये उनके नेता दावा कर रहे हैं कि वे राज्य में अगली सरकार बनाने जा रहे हैं।
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के उस बयान के एक दिन बाद दी जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी जल्द ही सरकार बनाएगी और उसके साथ निर्दलीय समेत 119 विधायकों का समर्थन हैं।
मलिक ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर निशाना साधा। फड़णवीस ने अपनी हालिया टिप्पणी में कहा था कि गैर भाजपा सरकार छह महीने से ज्यादा नहीं चलेगी। मलिक ने इस पर कहा कि वह (फड़णवीस) एक हारी हुई सेना के सेनापति की तरह बोल रहे है जो अपने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिये ऐसा कह रहा है।
मलिक ने कहा, “पूर्व मुख्य मंत्री एक हारे हुए सेनापति की तरह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। हम मानते हैं कि वे हार चुके हैं और उन्हें यह स्वीकार करना होगा। वो हार स्वीकार करने को राजी नहीं हैं, लेकिन समय लगता है।”
पाटिल की टिप्पणी पर मलिक ने पूछा कि महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष द्वारा जैसा दावा किया जा रहा है कि उनके पास आंकड़े हैं तो भाजपा ने पूर्व में ही सरकार बनाने का दावा क्यों पेश नहीं किया।
मलिक ने कहा, “कोई भी सरकार (महाराष्ट्र में) नहीं बना सकता जब तक 145 विधायकों का समर्थन न हो। उनके (भाजपा के) पास अपने विधायक नहीं है, उसने दूसरे दलों के नेताओं को अपने पाले में खींचा।”
वह 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और राकांपा के कई नेताओं के भाजपा में शामिल होने के संदर्भ में यह बात कह रहे थे।
मलिक ने कहा, “उन्हें (भाजपा को) अब यह घबराहट है कि ये विधायक (दूसरे दलों से भाजपा में आए) पाला बदल सकते हैं। इसलिये, वे (भाजपा नेता) अपने कुनबे को एकजुट रखने के लिये ऐसे बयान दे रहे हैं।”
महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक गतिरोध के बीच केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी ने शुक्रवार को इस पूरे परिदृश्य को क्रिकेट से जोड़ते हुए कहा कि इन दोनों क्षेत्रों (क्रिकेट और राजनीति) में 'कुछ भी' हो सकता है। उन्होंने कहा कि जो मैच हारता हुआ दिखाई देता है वास्तव में वह जीत भी सकता है।
केंद्रीय मंत्री के बयान के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि क्या गडकरी ये समझ चुके हैं कि लोगों ने भाजपा को “क्लीन बोल्ड” कर दिया है।
महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है।