जौनपुर । जनपद मुख्यालय पर स्थित नगर परिषद में परिषद के बोर्ड एवं अधिशासी अधिकारी के बीच छिड़ी जंग के चलते परिषद क्षेत्र में विकास के कार्यो पर विराम लगता नजर आ रहा है । हलांकि दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगा रहे है । सभासद अधिशासी अधिकारी के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो ईओ के स्तर से सभासदो को परिषद कार्यालय को दारू अड्डा बनाये जाने का आरोप लगाया जा रहा है ।
एक खबर के मुताबिक सभासदो का साथ देते हुए परिषद के अध्यक्ष ने ईओ को कार्य मुक्त करते हुए उनके कार्यालय में ताला लगा दिया था पूरा मामला शासन तक पहुंचा तो प्रमुख सचिव ने हस्तक्षेप करते हुए बजरिये जिला प्रशासन ईओ को पुलिस सुरक्षा में कार्यालय का ताला खोलवा कर ईओ को आफिस में बैठा दिया है । अब दोनों तरफ से वाक वार चल रहा है । सभासद धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ।
इस जंग के पीछे जो कारण उभर कर सामने आया है उसके अनुसार नगर परिषद को मिलने वाले धन से ठेकेदारी का मामला है । बोर्ड का समय खत्म होने के बाद गत वर्ष पूर्व तत्कालीन नगर विकास राज्य मंत्री एवं शहर विधायक गिरीश यादव के कहने पर लगभग 50 ठेकेदारों का लाईसेंस बनाया गया था ।लेकिन बोर्ड का गठन होने के बाद सभासदो ने नवीनी करण का विरोध किया । फिर नवीनी करण नहीं हुआ । इसके बाद नगर विकास राज्य मंत्री के हस्तक्षेप के बाद परिषद क्षेत्र के विकास कार्यो का जिम्मा डूडा को देते हुए पूरा बजट डूडा को दिया जाने लगा । जहाँ पर डीएम एवं ईओ के संयुक्त सहमति से ठेका दिया जाने लगा । इसके बाद सभासदो कमीशन पर विराम लग गया । यही से सभासद ईओ से नाराज हो गये और आन्दोलन की राह पकड़ ली है । अब दोनों पक्ष आमने-सामने है । कौन जीतेगा कौन हारेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन इस जंग में परिषद के विकास पर विराम दिख रहा है ।