पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भी गृहकर के लिए स्वकर प्रणाली

 


प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय
राज्य सरकार ने छोटे शहरों यानी नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में रहने वालों को गृहकर जमा करने के लिए स्वकर प्रणाली व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश नगर पालिका परिषद (भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर) नियमावली 2019 को मंजूरी दी गई।
नगर विकास विभाग ने नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य में एकरूपता लाने और कर निर्धारण की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ बनाने के उद्देश्य से नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों की सीमा में स्थित भवनों और भूमियों पर सम्पत्ति कर लगाए जाने की व्यवस्था की गई है। उप्र नगर पालिका अधिनियम-1916 (उप्र अधिनियम 1916 के आधार पर उप्र नगर पालिका (भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर) नियमावली-2019 को मंजूरी दी गई है।
इस नियमावली में संपत्तियों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। सम्पत्तियों को उनकी अवस्थिति, भवन के निर्माण की प्रकृति के आधार पर 12 समूहों में बांटा गया है। कर की गणना का मूल आधार प्रत्येक दो वर्ष में किए जाने वाले प्रत्येक भवन समूह के लिए निर्मित क्षेत्र की प्रति इकाई क्षेत्रफल प्रति वर्ग फीट के लिए न्यूनतम मासिक किराए की दर पर आधारित होगी। अनावसिक भवनों के लिए सम्पत्ति कर की अधिकतम दरें आवासिक का तीन गुना निर्धारित किया गया है। नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों की वित्तीय स्थिति इस नियमावली के प्रख्यापित हो जाने के फलस्वरूप प्राप्त होने वाले करों के दृष्टिगत सुदृढ़ होगी।
उप्र नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-172 में प्रदेश के नगर निगम सीमा में स्थित भवन और भूमि पर सम्पत्ति कर लगाए जाने का प्राविधान है। सम्पत्ति कर के अन्तर्गत सामान्य कर (भवन कर), जल कर और जल निस्सारण कर (सीवर कर) आते हैं। कर निर्धारण की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ बनाने के उद्देश्य से अधिनियम-1959 में संशोधन कर स्व-निर्धारण का विकल्प लागू किया गया है। वर्तमान में प्रवृत्त सम्पत्ति कर नियमावली-2013 के आधार पर नगर निगमों में सम्पत्ति कर की वसूली की जा रही है।
नगर पंचायतों और नगर पालिका परिषदों में भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर लगाने की कोई नियमावली अभी तक नहीं थी। इस कारण उप्र नगर निगम (सम्पत्ति कर) नियमावली-2000 के आधार पर उपविधि बनाकर नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों में कर वसूली की कार्यवाही की जाती है। प्रदेश स्थित नागर निकायों की वित्तीय स्थिति ठीक करने के उद्देश्य से गठित उप्र नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड द्वारा नगर पंचायतों/नगर पालिका परिषदों की सीमा में स्थित सम्पत्तियों के वार्षिक मूल्य पर कर लगाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश नगर पालिका (भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर) नियमावली, 2019 का प्रारूप उपलब्ध कराया गया।