पीएसयू बैंकों के बाद अब होगा इन तीन ग्रामीण बैंकों का विलय, 2050 शाखाओं पर पड़ेगा असर


बिजनेस डेस्क,अमर उजाला Thu, 28 Nov 2019
केंद्र सरकार ने हाल ही में 10 सरकारी बैंकों का विलय करने की घोषणा की थी। इसके बाद अब वित्त मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में कार्यरत तीन ग्रामीण बैंकों का भी विलय करने की घोषणा कर दी है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 1 अप्रैल 2020 से प्रदेश में कार्यरत पूर्वांचल बैंक, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक और बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक का विलय हो जाएगा। विलय के पश्चात इस बैंक को बड़ौदा यूपी बैंक के नाम से जाना जाएगा। विलय से 2050 शाखाओं में मौजूद ग्राहकों के खाते में इसका असर पड़ेगा।
*गोरखपुर में होगा प्रधान कार्यालय*
विलय के बाद बने नए बैंक का प्रधान कार्यालय गोरखपुर में होगा। विलय के बाद बने बड़ौदा यूपी बैंक में पूर्र्वांचल बैंक की 600, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक की 478 व बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक की 972 शाखाएं शामिल होंगी। इनकी कुल संख्या 2050 होगी। यह बैंक 31 जिलों में कार्य करेगा।
*यह हैं ग्रामीण बैंकों की प्रवर्तक बैंक*
बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की प्रवर्तक बैक--बैंक ऑफ बड़ौदा है। वहीं काशी गोमती समयुक्त ग्रामीण बैंक की प्रवर्तक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया है, वहीं पूर्वाचंल बैंक की प्रवर्तक भारतीय स्टेट बैंक है। केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन में कहा है कि नाबार्ड और प्रवर्तक बैंकों से सलाह लेने के बाद यह फैसला किया गया है। 
*इन जिलों में होगी शाखाएं*
इस बैंक की शाखाएं इटावा, बलिया, जौनपुर,पीलीभीत, गोरखपुर, इलाहाबाद, आंबेडकर नगर, अमेठी, औरैया, आजमगढ़, बरेली, बस्ती, भदोही, चंदौली, देवरिया, फैजाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशांबी, कुशीनगर, महराजगंज, मऊ, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, संतकबीर नगर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर व वाराणसी में होंगी। देश के ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने में इन बैंकों का बहुत बड़ी भूमिका रही है।