शरद पवार👤-सोनिया गांधी के बीच हुए एक फोन कॉल☎️ ने चौपट कर दिया शिवसेना🐯 का प्लान

 


शिवसेना बीती शाम तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के समर्थन से महाराष्ट्र की सत्ता में आने की आशा कर रही थी। उसे लग रहा था इन पार्टियों का साथ मिलने से विधानसभा में उसकी संख्या 154 पर पहुंच जाएगी, जो बहुमत से 9 सीटें ज्यादा होगा। केवल एक चीज जिसने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया वो थी ग्यारहवें घंटे में में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी नेता शरद पवार के बीच फोन पर होने वाली बातचीत।


सूत्र बताते हैं कि सोमवार शाम तक सोनिया गांधी का वैचारिक रूप से विपरीत शिवसेना को समर्थन देने को लेकर नरम रुख था। लेकिन ठीक समय पर शरद पवार के सोनिया गांधी को किए गए एक फोन कॉल ने कांग्रेस की अनिच्छा को बढ़ा दिया। सुबह कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी ने शिवसेना को समर्थन देने का विरोध किया और चर्चाओं को लेकर आपत्ति जताई। उनका मानना है कि शिवसेना की हिंदुत्व समर्थक और कट्टर विचार वाली छवि की वजह से कांग्रेस को चुनावी नुकसान होगा।


उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंथनी और केसी वेणुगोपाल, मुकुल मिस्चानी और राजीव सातवें का समर्थन करते हुए ये तर्क रखा। वहीं इसे लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं जैसे सुशीलकुमार शिंदे, अशोक चौहान, पृथ्वीराज चौहान, बालासाहेब गले ने बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना को समर्थन देने के कदम को सही माना। शाम 5 बजे के करीब उद्धव ठाकरे ने सोनिया गांधी को फोन किया और समर्थन देने का औपचारिक निवेदन किया।


कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वे विचार करने के बाद उनसे वापस बात करेंगी लेकिन लगभग 1 घंटे बाद ही शरद पवार ने सोनिया गांधी से बात की और कुछ अनिच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि शिवसेना को समर्थन देने का वादा करना जल्दबाजी होगी। पवार ने कथित तौर पर सोनिया गांधी से कहा कि शक्ति बंटवारे को लेकर कई पहलुओं पर अभी भी बातचीत की जरूरत है, और उन्होंने शिवसेना को समर्थन का पत्र नहीं दिया है।