यदि शहर में है अपना मकान तो,खाली करना पड़ सकता है किराए का घर


      प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट अपने ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि यदि किरायेदार का शहर में अपना मकान है, तो मकान मालिक उससे किराये का मकान खाली करा सकता है।
   किरायेदार इस आधार पर किराये का मकान छोड़ने से मना नहीं कर सकता है कि मकान मालिक को उस मकान की आवश्यकता नहीं है।
   इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एसपी केशरवानी की एकलपीठ ने यह आदेश मेरठ के मकान मालिक दीपक जैन की याचिका पर दिया है।
     दीपक जैन की याचिका पर बहस करने वाले अधिवक्‍ता आशीष कुमार सिंह के अुनसार, मेरठ के मकान मालिक दीपक जैन व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए जस्टिस एसपी केशरवानी की एकलपीठ ने यह आदेश दिया है।
    उन्‍होंने बताया कि वेद प्रकाश अग्रवाल याची दीपक जैन के मकान में किराएदार थे। उनकी मृत्यु के बाद परिवार के अन्य सदस्य किराए के मकान में बतौर वारिस रहते रहे. मकान मालिक ने यह कहते हुए मकान खाली करने का नोटिस दिया कि किराएदार के पास शहर में पांच मकान हैं और मकान मालिक को अपने मकान की आवश्यकता है।