लखनऊ
अब जेलों में कैदियों के भागने, बवाल या फिर प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी संदिग्ध के प्रवेश करते ही जेल मुख्यालय को अलर्ट मिल जायेगा। ये सम्भव हुआ है 'आर्टीफिशियल इंटलिजेंस' से संचालित वीडियो वॉल से। देश में पहली बार जेलों में प्रयोग की जा रही इस तकनीक से प्रदेश की 50 जेलों को जोड़ा गया है।
डीजी आनंद कुमार ने वीडियो वॉल का निरीक्षण कर जेलों में संचालित गतिविधियों को देखा। इस सुविधा का शुभारम्भ पांच दिसम्बर को मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। डीजी आनंद कुमार बताते हैं कि जेल में कैदियों और बंदियों की आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सहमति पर आर्टीफिशियल इंटलीजेंस' तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।
इसके लिए जेल मुख्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम में आठ फीट ऊंची और 12 फीट लम्बी वीडियो वॉल बनायी गई है। इसमें 42 एलईडी लगाई गई हैं। इस तकनीक से सभी जेलों को जोड़ा गया है। यहां पर तैनात कर्मचारी 24 घंटे नजर रखेंगे। मुख्यालय में इसकी निगरानी डीजी के अलावा अपर महानिरीक्षक डॉ. शरद और जनसंपर्क अधिकारी संतोष वर्मा के जिम्मे होगी।
अलर्ट की सुविधा जल्द मोबाइल पर: जेलों में होने वाली हर गतिविधि पर अलर्ट वाला मैसेज वीडियो वॉल के साथ ही मोबाइल पर मिल सकेगा। इसके लिए तकनीक स्थापित करने वाले इंजीनियर अतुल ने एक ऐप बनाया है। मोबाइल पर इस ऐप को डाउनलोड करते ही इसका अलर्ट मिलेगा। प्रयोग के तौर पर इस ऐप का उपयोग डीजी आनंद कुमार समेत कुछ ही अधिकारी करेंगे। यह एप जेलों के प्रमुख अधिकारियों के मोबाइल पर उपलब्ध कराया जाएगा।
एप से इन घटनाओं पर अलर्ट मिलेगा
जेल के भीतर उपद्रव व मारपीट की घटना की सूचना
कैदियों की जेल में भीड़ जुटने का अलर्ट
जेल के प्रतिबंधित इलाके में संदिग्ध व्यक्ति के दिखते ही उसकी फोटो के साथ अलर्ट जारी होगा
कैदियों से जेल मिलने आने वाले लोगों पर नजर रखेगा।
कैदियों से मिलने आने वाले आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति की तुरन्त पहचान करेगा।
यूपी : देश में पहली बार जेलों में प्रयोग हो रही ये तकनीक, हर गतिविधि पर मिलेगा अलर्ट