चीन को नाटो सदस्यों द्वारा ''चुनौती" मानते हुए पहली बार एक बयान पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद बीजिंग ने कहा कि वह अन्य देशों के लिए खतरा नहीं है और वह एक ''शांति पसंद" शक्ति है। नाटो महासचिव जेंन्स स्टोल्टनबर्ग ने मंगलवार (3 दिसंबर) को कहा कि गठबंधन को चीन की अमेरिका और यूरोप तक पहुंच रखने वाली मिसाइलों सहित उसकी बढ़ती सैन्य शक्ति से संयुक्त रूप से निपटना है।
गठबंधन ने बुधवार (4 दिसंबर) को एक घोषणा में कहा कि इसने नाटो के 29 सदस्य देशों के लंदन में हुए शिखर सम्मेलन के बाद ''चीन के बढ़ते प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय नीतियों को अवसर और चुनौती दोनों के रूप में माना है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने गुरुवार (5 दिसंबर) को कहा कि ''चीन की शक्ति में वृद्धि का मतलब शांतिपूर्ण शक्ति में वृद्धि है और ''खतरे तथा किसी देश के आकार के बीच आवश्यक रूप से कोई संबंध नहीं है।" उन्होंने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''विश्व के सामने आज सबसे बड़ा खतरा एकपक्षवाद और दादागीरी है।