बांस लगाइए भरपूर पैसे पाइए,सिर्फ ऑक्सीजन ही नहीं, रुपए भी देंगे बांस


     जौनपुर। बांस एक ऐसा पौधा है जो तने से भी प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करता है। यह ऑक्सीजन का एक बड़ा स्रोत है। बांस अब आर्थिक उन्नति का एक बड़ा साधन भी बनेगा।
    वन विभाग इसकी खेती के लिए 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान देने जा रहा है। ऐसे में इनसे न सिर्फ ऑक्सीजन का प्रबंध होगा, बल्कि इन्हें बेंचने के बाद अच्छी खासी धनराशि भी मिलेगी।


इन वस्‍तुओं का हो रहा निर्माण


वन विभाग का मानना है कि लैंपपोस्ट, आलमारी, कुर्सी, सोफा, मेज आदि में बांस का बड़े पैमाने पर उपयोग हो सकता है।
  इस क्षेत्र में बांस का उपयोग हो तो एक बड़ी आबादी को रोजगार मिलेगा। बड़े पैमाने पर बांस का कारोबार कराने को वन विभाग ने बांस की खेती करने का निर्णय लिया है। इसमें वन विभाग स्वयं बांस लगवा रहा है।


एक हेक्टेयर की खेती में खर्च


एक हेक्टेयर में बांस के करीब 240 क्लंब लगते हैं। एक क्लंब का तात्पर्य 20 से 25 बांस का एक गुच्छा। इस पर किसान का करीब एक लाख रुपये का खर्च आता है। विभाग का मानना है कि बांस एक वर्ष के भीतर ही तैयार हो जाता है।


घास की श्रेणी में आता है बांस


बांस को पेड़ नहीं, बल्कि घास की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे में इसके काटने पर कोई प्रतिबंध भी नहीं है।