चप्पलों की माला पहने हुए लड़के की यह तस्वीर भारत की नहीं, बांग्लादेश की है

*Fact Check: चप्पलों की माला पहने हुए लड़के की यह तस्वीर भारत की नहीं, बांग्लादेश की है*
नई दिल्ली । 
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक लड़के को चप्पलों का हार पहने देखा जा सकता है। तस्वीर में पीछे कुछ स्कूल की बच्चियां भी खड़ी हैं। उसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह घटना पुणे के पुरंदर जिले की है। और इस लड़के को बाबा साहब अंबेडकर के पक्ष में बोलने पर यह सजा दी गई है। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर बांग्लादेश की है जब 2017 में इस लड़के को एक लड़की के साथ छेड़छाड़ करने पर यह सजा दी गई थी।
*CLAIM*
वायरल तस्वीर में एक लड़के को गले में चप्पलों का हार पहने देखा जा सकता है और तस्वीरें में पीछे कुछ स्कूली बच्चियां हैं। पोस्ट के साथ क्लेम में लिखा है “यह फोटो कोई आम फोटो नही है बल्कि एक आत्म हत्या का कारण भी है। सुबह सुबह स्कूल की प्रार्थना मे बाबा साहैब भीम जी की दो लाइन बोलने पर मनुवादी समाज ने इस बच्चे का यह हाल किया। घटना भिवरी ता, पुरंधर जिला पुणे का है।”
*FACT CHECK*
इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च करा। ढूंढने पर हमारे सामने www.dailyamarsangbad.com/ की एक खबर का लिंक लगा जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। ये खबर बांग्ला भाषा में थी इसलिए हमने इस पेज को ट्रांसलेट किया। ट्रांसलेट करने पर पता लगा कि यह तस्वीर बांग्लादेश के तंगेल इलाके के बसबिड गांव की है। खबर के अनुसार इस लड़के ने एक स्कूली लड़की को छेड़ा था जिसके बाद दंड स्वरूप गांव वालों और स्कूली प्रशासन ने मिलकर इस लड़के के गले में चप्पलों की माला पहनाई थी। ये खबर हमें bn.mtnews24.com पर भी मिली।
इसके बाद हमने गूगल पर सर्च करके ढूंढा कि क्या पुणे की भंवरी इलाके में ऐसी कोई घटना हुई है। हमें इंटरनेट पर कहीं भी ऐसी किसी घटना का जिक्र नहीं मिला।
ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने ढूंढा के भिवरी इलाका किस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। हमें पता लगा कि भिवरी सासवड थाना क्षेत्र के अंदर आता है। पुष्टि के लिए हमने सासवड थाने के पुलिस अधिकारी रोहन वागले से बात की। उन्होंने हमें बताया कि भिवरी उन्हीं के थाना क्षेत्र में आता है मगर उन्हें इस इलाके से कहीं भी ऐसी किसी घटना की कोई जानकारी नहीं मिली है।
इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है Dharmendra Kumar नाम का फेसबुक प्रोफाइल। इस पेज के कुल 4,742 फॉलोवर्स हैं।


निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह तस्वीर असल में भारत की नहीं बल्कि बांग्लादेश की है और इस लड़के को अंबेडकर के पक्ष में बोलने के लिए नहीं बल्कि एक लड़की के साथ छेड़छाड़ करने पर दंड स्वरूप चप्पलों की माला पहनाई गई थी।


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