जौनपुर: अपना ही आदेश बदलकर फस गए तहसीलदार,जिलाधिकारी ने बैठाई जांच


जौनपुर। मछलीशहर तहसील क्षेत्र के कटाहित खास गाँव में चकमार्ग पर कायम अवैध कब्जे के मामले में हाईकोर्ट में योजित आई पी एल के प्रकरण में तहसीलदार ने कब्जा धारकों पर जुर्माना लगाने के साथ ही बेदखली आदेश पारित किया, पुनः दो सप्ताह बाद अपने ही आदेश को रिकॉल कर लिया।मामले की जानकारी होने पर लोगो ने जब जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया तो उन्होंने जांच बैठा दी। तहसील में पहुचे मुख्य राजस्व अधिकारी ने पत्रावली को कब्जे में लेते हुए जांच शुरू की है।
उक्त गाँव के 14 लोगो पर चकमार्ग को खेत में मिलाकर जोतने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में दो वर्ष पहले जनहित याचिका दायर की गई।


   कोर्ट के आदेश पर लेखपाल जांच गांव में पहुंचा और मामले को सही पाने के बाद रिपोर्ट करते हुए मुकदमा दर्ज कराया। तहसीलदार की अदालत से कुछ पत्रावलियों में 30 अक्तूबर 2019 तो अन्य में 4 नवम्बर 2019 को जुर्माना तथा बेदखली आदेश पारित किया गया।


   पुनः 16 नवम्बर 2019 को अपने द्वारा पारित आदेश को रिकॉल करते हुए पांच लोगो को दोषमुक्त करार दिया तथा अन्य लोगों के मुकदमे में भी आदेश रोक रखा है। जब गांव के लोगो को मामले की जानकारी हुई तो लोग जिलाधिकारी के संज्ञान में प्रकरण डालते हुए न्याय करने की मांग किये।


   मामले में जिलाधिकारी ने जांच बैठाते हुए मुख्य राजस्व अधिकारी को मामले की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी। सायंकाल सीआरओ ने तहसील में आकर सभी पत्रावली अपने कब्जे में लेकर वापस लौट गए। तहसीलदार की उक्त कार्यप्रणाली चर्चा का विषय बनी