खाद के मूल्य बढ़ रहे है तो गन्ने का मूल्य क्यो नही बढा रहे मुख्यमंत्री योगी-प्रियंका बाड्रा

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने किसानों की समस्याओं के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव व उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उन्होंने गन्ना मूल्य एक रुपया भी नहीं बढ़ाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए लिखा है कि खाद का मूल्य दो गुना हो गया, बिजली का बिल बढ़ गया, मजदूरी बढ़़ गई, किसानों की लागत बढ़ती जा रही है, लेकिन उनकी फसलों का दाम नहीं बढ़ रहा है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने गन्ना किसानों की हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों पर अभी तक हजारों करोड़ रुपये बकाया है। कुछ ऐसी ही हालत धान के किसानों की भी है। उनकी भी खेती की लागत बढ़ी गई है, लेकिन उचित बिक्री मूल्य नहीं मिल पा रहा है। प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश का किसान संकट में है। उसे उसकी फसल की लागत भी नहीं मिल पा रही है। किसानों के दर्द और संघर्ष को समझते हुए सरकार का कर्तव्य है कि उन्हें सफलों का सही दाम दिलाया जाए। बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य न बढ़ाए जाने के विरोध में चक्का जाम आंदोलन कर रखा है। विधानसभा के समक्ष भी प्रदर्शन और नारेबाजी की गई। गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाए जाने और किसानों की अन्य समस्याओं के विरोध में आहूत चक्का जाम को लेकर कार्यकर्ता मेरठ सहारनपुर मंडल में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। नेशनल हाईवे पर कार्यकर्ताओं ने वाहनों को रोक दिया है। हालांकि एक दिन पहले भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि चक्का जाम आंदोलन में एम्बुलेंस, बीमार व्यक्ति, स्कूलों बच्चों के वाहनों व मोटरसाइकिल सवारों को नहीं रोका जाए।कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने सरकारी स्कूलों में परोसे जाने वाले मिड-डे मील की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 'उत्तर प्रदेश से आए दिन सरकारी स्कूल के बच्चों को दोयम दर्जे का मिड-डे मील देने की खबरें आती हैं। मिड-डे मील का उद्देश्य बच्चों को सम्मान से पौष्टिक भोजन देना था, लेकिन यूपी में बच्चों को कभी नमक रोटी, कभी पानी वाली दाल, कभी पानी वाला दूध दिया जाता है। इसका मुख्य कारण उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की सरकारी स्कूलों और इन बच्चों के प्रति उदासीनता है।'