लोकसभा में सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019 पेश


नयी दिल्ली, विपक्षी दलों के विरोध के बीच लोकसभा में बुधवार को सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019 और उससे संबंधित विधेयक पेश किया गया। निचले सदन में विधेयक पेश करते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि इसमें श्रम कानूनों की जटिलताओं को कम करने और उससे जुड़ी समस्याओं का समाधान निकालने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि हमने विधेयक लाने से पहले मजदूर संगठनों से गंभीर चर्चा की। गंगवार ने कहा, '' इसके तहत 44 कानूनों को चार कानूनों में बदलने की महत्वपूर्ण पहल की गई है।'' विधेयक पेश करने का विरोध करते हुए आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि यह विधेयक अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन संबंधी संधि के खिलाफ है और श्रम संबंधी वर्तमान उपबंध को कमतर करता है।


उन्होंने कहा कि इसमें देश की कामकाजी श्रम शक्ति की अनदेखी की गई है और उनकी सामाजिक सुरक्षा और कल्याण का ध्यान नहीं रखा गया है ।


तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि यह श्रम सम्मेलनों के तहत तय मानकों के अनुरूप नहीं है। इस विषय पर केंद्रीय स्तर के मजदूर संगठनों के साथ चर्चा नहीं की गई है। और कई कानूनों को एक साथ जोड़कर इसे और जटिल बनाया गया है।


उन्होंने मांग की कि इसे संसद की स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए।


कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने भी इसे स्थायी समिति को भेजने की मांग की।


विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि दूसरे राष्ट्रीय श्रम आयोग ने जून 2002 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी और उसने सिफारिश की थी कि श्रम विधियों को औद्योगिक संबंध, मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, सुरक्षा तथा कल्याण एवं कार्य स्थितियां समूहों के तहत रखा जाना चाहिए।


आयोग की सिफारिशों पर तथा सरकार, नियोक्ताओं एवं कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की त्रिपक्षीय बैठक में प्रस्तावित विधान लाने का निश्चय किया गया था।


इसमें कहा गया है कि प्रस्तावित विधान अर्थात सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019 प्रौद्योगिकी के उपयोग को आसान बनायेगी और पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।


विधेयक में कहा गया है कि नियम अवधि कर्मचारियों के फायदों का परिमाण व्यापक होगा और श्रम विधियों का अनुपालन करना सुगम होगा जो समानता की ओर एक बड़ा कदम होगा। यह अधिक उद्यमों की स्थापना को बढ़ावा देगा जिससे रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।


इसमें कर्मचारी भविष्य निधि, कर्मचारी पेंशन योजना, कर्मचारी जमा संबंधित बीमा योजना का बीस या अधिक कर्मचारियों को नियोजित करने वाले औद्योगिक स्थापनों तक विस्तार करने की बात कही गई है।


इसका उद्देश्य कर्मचारी भविष्य निधि के कर्मचारियों के किसी वर्ग के लिये कर्मचारी योगदान की विभिन्न दरों को स्पष्ट करने का उपबंध करना है जो केंद्र सरकार निर्दिष्ट अवधि के लिये अधिसूचित करे। इसका मकसद यह उपबंध करना है कि नियोक्ता की कर्मचारियों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम के पास रजिस्टर करने या कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा कर्मचारी को फायदा जारी करने में असफलता की दशा में ऐसे फायदों को नियोक्ता से वसूल किया जायेगा ।