विरोध के नाम पर हिंसा, तोड़फोड़ व आगजनी कतई उचित नहीं- प्रधानमंत्री

 


*हिंसा में मृत व घायल नागरिक/पुलिसवालों के परिजनों से पूछे- उन पर क्या बीतती होगी*


*फैलाए जा रहे झूठ में न आएं: जीवन को टुकड़ों में नहीं समग्रता में देखा जाना चाहिए*

लखनऊ       
लखनऊ। "जीवन को टुकड़ों में नहीं देखा जा सकता, उसको समग्रता में देखने की जरूरत है।" ये उदगार यूपी की राजधानी लखनउ में आज व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यही सिद्धांत सरकार व गुड गवर्नेंस पर भी लागू होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकभवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि अभी हाल में यूपी में विरोध के नाम पर जो हिंसा, तोड़फोड़ व आगजनी हुई वह निंदनीय है। 
             प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंसा में जिनकी मृत्यु हुई, जो नागरिक और पुलिसकर्मी जख्मी हुए कोई उनके परिवार वालों से पूछे उनके  दिल पर क्या बीती होगी। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने को किसी भी हालत में सही नहीं पहुंचा सकता है। उन्होने लोगों से अपील की कि वे नागरिकता बिल और एनआरसी के बारे में फैलाए जा रहे झूठ में न आएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समस्या को हमने शांति से सुलझाया। हमने विरासत में मिली समस्याओं को सुलझाया है। रामजन्म भूमि का मामला भी शांति से निपटाया।
              प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब हर घर तक गैस और बिजली पहुंच रही। 2022 तक हर बेघर गरीब को उसको घर देने के काम पर तेजी से काम चल रहा है। उन्होने कहा कि हमारे लिए सुशासन का एक ही मकसद है "सबका साथ सबका विकास"। हमने चुनौतियों को चुनौती देने का एक भी मौका नहीं छोड़ा। उन्होने कहा कि हम सुशासन के उस दौर की ओर बढ़ रहे हैं कि जनता किसी भी समस्या के लिए आवेदन न करे बल्कि सरकार जनता के द्वार पर जाकर उससे उसकी समस्याओं के बारे में पूछे और उसका निराकरण करे।