विस सत्र: सदन में गूंजा रोडवेज बस खरीद घपला, जानें किन खामियों पर उठे सवाल

देहरादून!  रोडवेज की बस खरीद का मामला शुक्रवार को विधानसभा में गूंजा। विपक्ष ने बस खरीद में सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और एसआईटी जांच की मांग की। परिवहन मंत्री यशपाल ने सदन को विश्वास दिलाया कि एक एक बस की जांच की जा रही है। जब तक बसों की गुणवत्ता की जांच नहीं हो जाती तब तक किसी भी बस को नहीं चलाया जाएगा। शुक्रवार को दोहपर बाद कांग्रेस ने बस खरीद मामले को उठाया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह़दयेश ने कहा कि इस बस खरीद में साफ साफ नजर आ रहा है कि भ्रष्टाचार किया गया है। नई नवेली बसों के दिन गियर लीवर टूट जाना साबित करता है कि बसों को लेते वक्त गुणवत्ता की अनदेखी की गई है। कांग्रेस विधायक दल के उपनेता करन माहरा, मनोज रावत, ममता राकेश ने भी सरकार की जीरो टालरेंस नीति पर सवाल उठाए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बस खरीद में भ्रष्टाचार के साथ लोकायुक्त को भी जोड़ा।


उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान 100 दिन में लोकायुक्त लाने का वादा करने वाली सरकार जानबूझकर लोकायुक्त का गठन नहीं कर रही है। यदि लोकायुक्त का गठन हो जाता तो इस प्रकार के मामलों पर कार्रवाई भी शुरू हो जाती। एनएच भूमि मुआवजा घोटाले का जिक्र करते हुए प्रीतम ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में लगाता भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। सरकार को चाहिए कि लोकायुक्त का गठन कर रोडवेज की बस खरीद को पहले मामले के रूप में उसे जांच के लिए दे। सरकार की ओर से जवाब देते हुए परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया। कहा कि अब तक बस कंपनी को एक भी पैसे का भुगतान नहीं किया गया है। बल्कि कंपनी की बैंक गारंटी भी रोडवेज के पास सुरक्षित है। गियर लीवर टूटने की घटना प्रकाश में आने के बाद सभी बसों को रोड से हटा लिया गया है। सभी बसों को नए सिरे से जांच कराई जा रही है। यदि बसे यात्री सुरक्षा मानक पर खरी नहीं उतरी तो उन्हें नहीं चलाया जाएगा। सरकार के जवाब के बाद विस अध्यक्ष प्रेमचद अग्रवाल ने विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।



यह मामला सीधा सीधा भ्रष्टाचार से जुड़ा है। सदन के भीतर सरकार ने विपक्ष के लगाए आरोपों को सभी सही माना है। इसकी एसआईटी जांच होनी चाहिए। सरकार का जांच से बचना गंभीर सवाल उठाता है। कांग्रेस इस मामले में संघर्ष जारी रखेगी।
इंदिरा ह्दयेश, नेता प्रतिपक्ष



भ्रष्टाचार का आरोप सही नहीं है। कंपनी को अब तक एक भी पैसे का भुगतान नहीं किया गया है। यात्रियों की सुरक्षा केा लेकर सरकार बेहद गंभीर है। इसे लेकर लेशमात्र भी समझौता नहीं किया जाएगा।
यशपाल आर्य, परिवहन मंत्री 


 


searching eyes अंग्रेजी दैनिक  ने बसों की खामियां, पुरानी तकनीकों समेत कई पहलुओं को खुलासा किया। हालांकि पहले रोडवेज के अफसर खामियों को दबाने की कोशिश करते रहे। बाद में परिवहन मंत्री यशपाल के आर्य के निर्देश पर रोडवेज एमडी रणवीर सिंह चौहान ने सभी नई 125 बसों के संचालन पर रोक लगाते हुए उन्हें डिपो में खड़ा करवा दिया। इन सभी बसों की जांच की जारी है। 



इन खामियों पर उठ रहे सवाल:
1. नई बसों का गियर लीवर कमजोर होने के कारण टूट रहा है। ड्राइवर की सीट के ठीक पीछे की तीन यात्री वाली सीट पर बैठे यात्री के पांव गियर से टकरा रहे हैं। ठोकर लगने से गाड़ी का गियर अपने आप बदल सकता है।
2. - गियर बॉक्स की क्षमता भी कम है। पहले रोडवेज की गाड़ियों में सेवन प्लस वन फार्मूले के गियर आते थे। यानि छह गियर आगे स्पीड़ के लिए और एक गियर बैक करने के लिए। नई बस में एक गियर कम है। ये बसे फाइव प्लस वन सिस्टम की है। 
3. - बस के भीतरी लगैज कैरियर की ऊंचाई भी काफी कम है। इस कैरियर में यात्री अपनी अपनी अटैची, बैग आदि सामान रखते हैं। सीट से उठने पर इन कैरियर का फ्रैम सीधा सिर से टकराता है। 
4.- बस का माइलेज भी अपेक्षाकृत काफी कम है।