अब हर राजस्व गांव में बनाया जाएगा खेल का मैदान, ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को मिलेगा नया मुकाम


उत्तर प्रदेश लखनऊ। वो दिन दूर नहीं जब गांव-गांव खिलाड़ियों की फौज खड़ी होगी। युवा महोत्सव के बाद अब सरकार ने युवाओं की प्रतिभा के विकास के लिए गांव-गांव खेल का मैदान बनवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर भूमि का चयन कर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।
देखा ये जाता है कि सुविधाओं व संसाधनों के अभाव में ग्रामीण प्रतिभाएं दम तोड़ जाती हैं। इसको लेकर सरकार ने प्रत्येक राजस्व गांव में खेल के मैदान हेतु भूमि आरक्षित करने का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया है। आदेश के अनुसार प्रत्येक राजस्व गांव में एक हेक्टेअर भूमि पर खेल का मैदान विकसित किया जाएगा। यह जमीन प्राथमिक विद्यालय के लिए दी गई जमीन में से शेष बची जमीन से भी ली जा सकेगी। ऐसा न होने पर विद्यालय के आस-पास स्थित ग्राम सभा की भूमि को वरीयता दी जाएगी। जिन गांवों में चकबंदी हो रही है वहां बचत की भूमि खेल के मैदान के लिए आरक्षित की जाएगी। भूमि के चयन के बाद राज्य वित्त एवं मनरेगा से उसका समतलीकरण व बाउंड्री कराई जाएगी। जिससे भविष्य में भूमि का अतिक्रमण न होने पाए। खेल के मैदान की देखरेख ग्राम सभा द्वारा की जाएगी।
पायका योजना के तहत बने मैदानों का बुरा हाल
पंचायत युवा क्रीड़ा अभियान के तहत पूर्व में चयनित गांवों में बनवाए गए मैदानों का बुरा हाल है। मैदान के संसाधन गायब हो गए तो मैदान पर भी लोगों ने कब्जा जमा लिया है। जिससे खिलाड़ियों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।