अनुसूचित जाति के ये लोग सम्भालते है गोरखनाथ मन्दिर की ब्यवस्था

अनुसूचित जाति के इन लोगों के हाथ में है CM योगी के 'गोरखनाथ मंदिर' की पूरी व्यवस्था


बता दें कि गोरखनाथ मंदिर उन मंदिरों की विचारधारा से अलग है, जहां एससी का प्रवेश वर्जित होता है. इस मंदिर की ओर से जात-पात के खिलाफ लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा है.


देश के मंदिरों में अनुसूचित जाति के लोगों को प्रवेश देने को लेकर कई विवाद सामने आ चुके हैं. इन्हीं के बीच गोरखपुर का गोरखनाथ मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जहां की व्यवस्था अनुसूचित जाति के लोगों के दम पर चलती है. दरअसल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का एससी से 'पुराना रिश्ता' है. योगी का एससी प्रेम दिल से है या सिर्फ दिखावा? इसकी एक बानगी देखिए. आपको शायद ही इस बात की जानकारी हो कि गोरखनाथ मंदिर के वर्तमान मुख्य पुजारी कमलनाथ भी दलित हैं. योगी के बाद वो मंदिर का सबसे अहम चेहरा हैं. इसी समाज के लोग मंदिर के मुख्य पदों पर आसीन हैं. चाहे वह मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में बाबा कमल नाथ हों, या गौशाला के प्रभारी परदेशी राम. यही नहीं मंदिर का मुख्य रसोइया से लेकर मीडिया प्रभारी विनय गौतम भी अनुसूचित जाति के ही है.


बता दें कि गोरखनाथ मंदिर उन मंदिरों की विचारधारा से अलग है, जहां एससी का प्रवेश वर्जित होता है. इस मंदिर की ओर से जात-पात के खिलाफ लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा है. योगी आदित्यनाथ का वनटांगियों से भी खास लगाव है. सांसद रहते हुए योगी ने सड़क से संसद तक इनके अधिकारों की लड़ाई लड़ी. इन्हें नागरिक अधिकार देने का मामला संसद में उठाया. ज्यादातर वनटांगिया दलित और पिछड़े वर्ग से हैं. योगी 11 साल से उन्हीं के साथ दीपावली मनाते हैं.


मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में बाबा कमल नाथ ने सर्चिंग आईज के सहयोग वेब चैनल यूपी जागरण   से बातचीत में बताया कि बीते 42 सालों से मंदिर की सेवा कर रहा हूं, वहीं अनुसूचित जाति का होने के बावजूद कभी भी मंदिर के अंदर मुझे अहसास नहीं हुआ. हमेशा सभी जातियों की तरह यहां पर सभी को बराबर सम्मान मिलता है. देश के मंदिरों में अनुसूचित जाति के लोगों को प्रवेश देने के सवाल पर कमल नाथ कहते हैं कि ये पूरी तरह से विरोधियों की साजिश है. जो देश को जाति के अधार पर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं.