मऊ: दादा के हत्यारोपी अधिवक्ता समेत दो को फांसी की सजा


       मऊ। मऊ में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आदिल आफताब अहमद ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 24 साल पहले जमीन विवाद में अपने दादा की धारदार हथियार से सिर काटकर हत्या करने के मामले में उनके वकील पोते समेत दो लोगों को फांसी की सजा सुनाई है।
    इस मामले में पांच लोगों को नामजद किया गया था। आरोपी इन्द्रासन पांडेय और घनश्याम पांडेय की मृत्यु हो चुकी है। वहीं एक अन्य नाबालिग आरोपी का केस किशोर बोर्ड को भेजा जा चुका है।
    अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक आदिल आफताब अहमद ने इस चर्चित हत्याकांड में मंगलवार को अपना फैसला सुनाया।
    इस मामले में वकीलव वादी अखिलेश कुमार पांडेय की मृत्यु हो चुकी है। वहीं मामले के प्रमुख आरोपित वकील राकेश पांडेय है। यह घटना 12 मार्च, 1996 की दोपहर 12 बजे रैकवारेडीह गांव की है। जहां पर वादी मुकदमा अपने बाबा (दादा) दुबरी पांडेय के साथ गेहूं के खेत की सिंचाई कर के लौट रहे थे कि पहले से खेत में छिपे आरोपित इन्द्रासन पांडेय, राकेश पांडेय, मिथिलेश ऊर्फ दीपू और घनश्याम पांडेय निवासी रैकवारडीह तथा यशवंत चौबे निवासी बरवां थाना रानीपुर उसके बाबा को पकड़ लिए। इसके बाद उन्हें पटक कर राकेश पांडेय ने गर्दन और हाथों के अंगूठों को काट कर अलग कर दिया। इसके बाद मृतक की गर्दन हाथ में लेकर उसने सबको आतंकित किया कि कोई गवाही न दे।
 इसके बाद वो मृतक के दोनों अंगूठे लेकर चला गया। शासकीय वकील अजय कुमार सिंह ने बताया कि घटना के बाद सबूत मिटाने के लिए आरोपित ने मृतक के सिर को तालाब में फेंक दिया था, जहां से पुलिस ने उसे बरामद कर लिया था। आरोपी इन्द्रासन पांडेय और घनश्याम पांडेय की मृत्यु हो चुकी है। उनका मामला अवेट हो गया। वहीं एक अन्य नाबालिग आरोपी का केस किशोर बोर्ड को भेजा जा चुका है।
    इस हत्याकांड की अभियोजन की तरफ से सहायक जिला शासकीय वकील अजय कुमार सिंह ने कुल नौ गवाहों को आदालत में परीक्षित कराकर अभियोजन कथानक को संदेह से परे साबित कराया।
    जिसके बाद आरोपित वकील राकेश पांडेय और उनके साले यशवंत चौबे को फांसी की सजा सुनायी गयी।