सीएम ने दी नसीहत सुरक्षा-सशक्तीकरण व जागरूकता के लिए आयोग निभाए जिम्मेदारी


जागरूकता के लिए कार्यक्रम था और मुख्यमंत्री ने इसका सदुपयोग महिला आयोग को जगाने के लिए किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने आयोग को उसकी भूमिका याद दिलाते हुए नसीहत दी कि वो अपनी क्रियाकलापों पर मंथन करे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हितकारी योजनाओं की जानकारी महिलाओं को दिलाने में आयोग का योगदान अपेक्षानुरूप नहीं है।सीएम ने सवाल दागा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर घर में शौचालय का निर्माण किया जाना है। यह महिलाओं की अस्मिता से जुड़ा है। उज्जवला योजना में महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। योजना महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी है, लेकिन क्या महिला आयोग बताएगा इसमें उसकी क्या भूमिका थी?उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित महिला जागरूकता कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे तमाम सवाल महिला आयोग के सामने रखे।। इस अवसर पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के अलावा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम व राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा व महापौर संयुक्ता भाटिया भी मौजूद थीं। इससे पूर्व कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने भी संबोधित किया। सीएम कहा कि वूमेन पॉवर लाइन 1090 को पीआरवी 112 के साथ इंटीग्रेट किया गया है। प्रदेश के किसी जगह से कोई महिला कॉल करती है तो उसकी सूचना तत्काल मिल जाती है। इस योजना की जब एक साल के बाद समीक्षा की गई तो 75 में से महज पांच जिलों से ही शिकायतें आई थीं। साफ है कि सरकार द्वारा महिला सुरक्षा, सशक्तीकरण व जागरूकता के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी उन तक नहीं पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी उन तक पहुंचे, यह कार्य महिला आयोग का है।जिले से लेकर ग्राम पंचायतों तक महिलाओं को जागरूक करने के लिए आयोग टीमें बनाकर उन तक जानकारी दे, जिससे वह उनका लाभ उठा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि घरेलू ङ्क्षहसा के मामले में 181 हेल्पलाइन बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए मिशन इंद्रधनुष, कोख में कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ मुखबिर योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, सामूहिक विवाह योजना। यहां तक कि रात में जरूरत पडऩे पर लड़कियों को पुलिस महिला सिपाही की साथ घर छुड़वाने तक की योजना शुरू की गई है।उन्होंने कहा कि ऐसे सभी कार्यक्रमों के बाबत महिलाओं को जानकारी पहुंचाने का दायित्व भी महिला आयोग जैसी संस्थाओं का है। उन्हें यह जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए। इसके लिए तंत्र विकसित कर ठोस कार्ययोजना बनाकर आगे बढऩे की जरूरत है जिससे महिलाएं सुरक्षित, सशक्त व जागरूक हों।