नई दिल्ली। नई दिल्ली के आनंद विहार से लोगों के पलायन की जो तस्वीरें आई, उसने शायद ही देश के किसी भी शख्स के माथे पर सिकन न ला दी हो. एक तो भटकते बदहवास लोग, सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही घर जाने के लिए निकला रेला. भूख और प्यास से बिलखते दिव्यांग, बच्चे और बुजुर्ग. तस्वीरें बयां कर रहीं थी, कि पुलिस और प्रशासन भी बेबस और असहाय नज़र आ रहा था. लेकिन महासंकट की इस घड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर मोर्चा संभाला. शनिवार शाम पांच बजे यहां लगभग एक सैकड़ा स्वंयसेवकों ने पहुंचकर हर वह काम अपने जिम्मे लिया, जिसकी वहां राहत एवं बचाव कार्य के नजरिए से नहीं बल्कि मानवता को जिंदा रखने के नजरिए से बेहद जरुरी थी.
तस्वीरों में नज़र आ रहे युवा स्वंयसेवक ट्रैफिक पुलिस का सहयोगी बनकर वह लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग की अपील कर रहे थे. तो वहीं कुछ कार्यकर्ताओं की टीम भोजन वितरण में जुटी रही. एक पूरी टोली इधर-उधर भटक रहे लोगों को उनके गंतव्य तक जाने वाली बस तक पहुंचाने और उनको सही जानकारी देने के लिए हांथ थामती नज़र आई. रात लगभग 11 बजे तक संघ के स्वयंसेवक खुद का बचाव करते हुए वहां मौजूद पुलिसकर्मियों की मदद करते रहे.
आनंद विहार में भीड़ का आलम यह था कि यहां अपने घर जाने को भटक रही एक महिला और उसका 12 साल का बच्चा सड़क पर ही लगभग बेसुध हालत में पहुंच गए, जिसे संघ के कार्यकर्ताओं ने पानी और भोजन देकर पुलिस की मदद से जीटीबी अस्पताल पहुंचाया. यह नज़ारा अत्यंत मार्मिक था.