पी.पी.पी  मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोला जाना  औचित्यहीन-डॉ रक्षपाल सिंह

 


प्रदेश उपाध्यक्ष प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया डॉ रक्षपाल सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाथरस सहित प्रदेश के 16 जिलों के जिला अस्पतालों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के आधार पर जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाए जाने के निर्णय पर आश्चर्य एवं अफसोस व्यक्त करते हुए कहा है कि यूपी सरकार द्वारा संचालित आधे से अधिक मेडिकल कॉलेज एवं अधिकांश निजी मेडिकल कॉलेजों में क्वालिफाइड टीचिंग फैकल्टी की नियुक्तियां नहीं हो सकी हैं और इन मेडिकल कॉलेजों में संविदा पर चिकित्सक पढ़ा रहे हैं| वस्तुस्थिति यह है कि मेडिकल शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण शिक्षा की पढ़ाई एवं प्रयोगात्मक कार्य नियमित रूप से संचालित नहीं हो पा रहे हैं ऐसी विषम परिस्थितियों में विद्यार्थी  आगे की  कक्षाओं में प्रमोट होते हुए अपनी डिग्रियां लेते हैं ,जो ना तो मेडिकल विद्यार्थियों के हित में है और ना प्रदेश के| 


डॉ सिंह ने स्पष्ट कहा है कि देश में बेहतर मेडिकल शिक्षा व्यवस्था हेतु क्वालिफाइड एवं विशेषज्ञ टीचिंग फैकल्टी की भारी कमी है ऐसी स्थिति में पीपीपी मॉडल पर नए मेडिकल कॉलेज खोला जाना नितांत औचित्यहीन है .डॉक्टर सिंह ने डॉक्टरों की कमी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार को सुझाव दिया है कि प्रदेश सरकार अपने प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में ही 50 परसेंट सीटें बढ़ाकर और उनमैं क्वालिफाइड टीचिंग एवं नॉन टीचिंग फैकल्टी की व्यवस्था करने का महत्वपूर्ण कार्य करें ,अन्यथा की स्थिति में मेडिकल शिक्षा भी आपाधापी ,भ्रष्टाचार एवं   दुर व्यवस्थाओं तक ही सीमित रह जाएगी|