गरीबों का सत्यापन न हो पाने के कारण सदर तहसील में राशन 10 दिन से रखा है।
*_👉मंगलवार को एक संस्था द्वारा दिए गए खाने के पैकेट भी नहीं बांटे गए, जो खराब हो गए।_*
_आगरा में धनिया-मिर्च, दाल, चावल, आटा थैलों में पैक होकर 10 दिन से सदर तहसील में ताले में बंद हैं। लेकिन, जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचा। 6500 किलोग्राम से अधिक राशन सामग्री रखी-रखी खराब हो रही है, क्योंकि वितरण के लिए गरीबों का सत्यापन नहीं हो सका है।_
_👉©️सदर तहसील में नायब तहसीलदार कक्ष राशन सामग्री से अटे पड़े हैं। इनमें 25 कुंतल आलू के अलावा 10-10 किलोग्राम आटे के पैकेट व 1000 थैलों में पांच किलो आटा, एक किलो दाल, 500 ग्राम सरसों का तेल, चावल व धनिया-मिर्च मसालों के पैकेट्स हैं। 1500 लीटर रिफाइंड के टिन रखे हैं।_
_👉©️ये राशन सामग्री राजस्व कर्मियों ने दो-दो हजार रुपये चंदा कर जुटाई है। कई फैक्टरी वालों ने भी बांटने के लिए राशन दिया है। यह सामान ऐसे लोगों को बांटा जाना है, जिनके बैंक खातों में एक हजार रुपये नहीं आए या जिनके पास राशन कार्ड नहीं है।_
_👉©️दिलचस्प बात यह कि 10 दिन से इतना राशन कमरों में रखा-रखा खराब हो रहा है, लेकिन तहसील प्रशासन को इसे बांटने के लिए गरीब नहीं मिल रहे।_
*👉प्रसाद तो है नहीं जो सबको बांट दें: एसडीएम*
_👉©️इस संबंध में एसडीएम सदर गरिमा सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि ये कोई प्रसाद तो है नहीं जो सबको बांट दें। लेखपालों से गरीबों की सूची मांगी है। उनका सत्यापन होगा, फिर सूची के हिसाब से घर जाकर उन्हें राशन दिया जाएगा। 10-15 दिन में आटा व राशन खराब नहीं होता।_
*👉तहसील में ही राशन को भटक रहे गरीब*
_👉©️कई मजदूर व असहाय लोग राशन के लिए दिनभर तहसील में भटकते रहते हैं, लेकिन अधिकारियों को यह दिखाई नहीं पड़ते। इनमें बड़ी संख्या सड़क पर रहने वाले भिक्षु हैं। आसपास की मलिन बस्तियों से भी तमाम महिलाएं यहां खाने-पीने के सामान के लिए चक्कर लगा रहीं हैं।_
*👉नहीं बांटे, खराब हो गए खाने के पैकेट*
_👉©️मंगलवार को तहसील में एक संस्था ने 400 से अधिक खाने के पैकेट गरीबों में बांटने के लिए दिए। दोपहर तीन बजे तक ये पैकेट नहीं बांटे गए। गर्मी के कारण इनमें कई पैकेट्स का खाना खराब हो गया।_