इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के प्रोफेसर मो. शाहिद और 16 विदेशी जमाती समेत 30 लोगों का मंगलवार को मेडिकल चेकअप किया गया। सभी आरोपितों को मेडिकल चेकअप के बाद खुल्दाबाद थाने में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। जहां से उन्हें कडी सुरक्षा के बीच प्रोफेसर समेत सभी 30 आरोपितों को जेल भेज दिया गया। सोमवार रात इन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
इन्हें विदेशी अधिनियम का उल्लंघन करने, साजिश में शामिल होने और मदद करने के आरोप में पकड़ा गया है।गिरफ्तार किए गए आरोपितों में इंडोनेशिया के सात, थाईलैंड के नौ, केरल व पश्चिम बंगाल के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। शाहगंज की अब्दुल्ला मस्जिद और करेली के हेरा मस्जिद से जुड़े कई लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।
हालांकि इन सभी को महबूबा गेस्ट हाउस समेत अन्य स्थानों पर क्वारंटाइन किया गया था। अब वहां अतिरिक्त पुलिस फोर्स लगाकर उन्हें पुलिस की गिरफ्त में होने की जानकारी दी गई है।दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज के तब्लीगी जमात में विदेशी नागरिकों के साथ ही प्रोफेसर सहित अन्य कई शख्स शामिल हुए थे। थाईलैंड के नौ नागरिक के यहां आने पर पुलिस को खबर दी गई थी, लेकिन अब्दुल्ला मस्जिद व मुसाफिर खाना में ठहरने वाले इंडोनेशियाई नागरिकों के बारे में पुलिस को सूचना नहीं दी गई थी।
जमातियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की तो उनके बारे में पता चला। साथ ही जांच में यह भी तथ्य सामने आया कि सभी टूरिस्ट वीजा के जरिए भारत आकर धर्म का प्रचार कर रहे थे। उनके वीजा में प्रयागराज आने पर रोक थी, इसके बावजूद वह यहां आकर छिपे थे, जो कि गलत था।
इस पर उनके विरुद्ध करेली व शाहगंज थाने में एफआइआर दर्ज हुई थी। इंडोनेशियाई जमातियों के लिए रहने व खाने का इंतजाम इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मो. शाहिद ने किया था। ऐसे में उनका नाम शाहगंज थाने में दर्ज मुकदमे में प्रकाश में आया था।एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि विदेशी अधिनियम का उल्लंघन करने, उस योजना में शामिल होने और मदद करने वाले आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।