जानिए, किसने किया 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' का निर्माण

 


आज पूरी दुनिया 'कोरोनावायरस' (कोविड-19) जैसी जानलेवा महामारी के संकट से गुजर रही है। हर देश कोरोना संकट से अपने देश की जनता को बचाने के लिए कोई ना कोई उपाय करने में जुटा हुआ है। इन सब के बीच अभी तक बहुत से ऐसे मामले भी सामने आये हैं, जिनमें कई लोग ठीक होकर अपने घर वापस चले गए हो। कोविड-19 जैसी जानलेवा महामारी के उपचार के लिए अभी तक इकलौती दवा 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' (Hydroxychloroquine) ही कारगर साबित हो रही है। इतना ही नहीं आज हर देश में जिसकी मांग हो रही है।


विश्व में 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' का प्रमख निर्माता 'भारत' है।


*किसने किया 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' का निर्माण*


आपको जान कर गर्व और खुशी होगी कि कोरोना जैसी जानलेवा महामारी से कुछ हद तक निपटने में जो 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' दवाई कारगर साबित हो रही है, उसे भारत के 'आचार्य प्रफुल्ला चंद्र रॉय' (Acharya Prafulla Chandra Rai) ने अपनी संस्था बंगाल केमिकल्स एन्ड फर्टिलाइजर के रसायनगार में निर्मित किया था।


    इन्हे "रसायन विज्ञान के पिता" के रूप में जाना जाता है, जो एक प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक, शिक्षक के साथ ही भारतीय रासायनिक शोधकर्ताओं के पहले आधुनिक में से एक थे। सरल शब्दों में कहे तो, वो ही थे जिन्होंने भारत में रसायन उद्योग (Chemical Industry) की नींव रखी थी।