आर्थिक पैकेज भारतीय उद्योग जगत को भी नई ताकत देगा: इंद्रेश कुमार


  • राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रिय कार्यकारिणी सदस्य एव राष्ट्रिय सुरक्षा जागरण मंच के संरक्षक माननीय इन्द्रेस कुमार जी




  • राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार




रांची: राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच (फैंस ) की झारखण्ड इकाई द्वारा रविवार को राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के मार्गदर्शक सह संरक्षक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इंद्रेश कुमार थे.


फैंस के अध्यक्ष पवन बजाज ने सभी अतिथियों का स्वागत किया. फैंस के उपाध्यक्ष और सरला बिरला विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ संदीप कुमार ने राष्ट्रीय वेबिनार के मुख्य वक्ता का परिचय कराया.


इंद्रेश ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, श्रमिक, किसान और मध्यम वर्ग को फायदा मिलेगा. साथ ही आर्थिक पैकेज भारतीय उद्योग जगत को भी नई ताकत देगा.


उन्होंने कहा कि अपने ‘स्वदेशी स्वालंबन अभियान’ से मंच देश में ‘स्वेदेशी’ एवं आत्मनिर्भरता के महत्व पर जागरुकता पैदा करेगा. आत्मनिर्भरता छोटे उद्योगों, छोटे व्यापारियों, शिल्पियों और ग्रामीण उद्योगों समेत स्वदेशी उद्योग में जान फूंककर हासिल किया जा सकता है. उसका लक्ष्य रोजगार सृजन में रफ्तार के साथ ही समावेशी वृद्धि हो.


देश में आयातित उत्पादों पर निर्भरता के लिए अतीत के नीति-नियंताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि उनके संगठन ने स्वदेशी मेधा, संसाधनों और ज्ञान पर कभी भरोसा नहीं किया. विदेशी पूंजी एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर अत्यधिक बल दिया.

उन्होंने कहा कि हम स्थानीय मेधा, संसाधनों, ज्ञान, उद्यमिता और मानव मूल्यों के आधार पर देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सभी देशभक्त नागरिकों एवं उद्योग से इस स्वदेशी स्वालंबन अभियान से उत्साह से जुड़ने का आह्वान करते हैं.


उन्होंने लोकल वस्तु एवं फूड प्रोडक्ट को अपनाने, अपने परिवार में संतुलित जीवन जीने एवं कम से कम खर्च के जीवन मूल्य विकसित करने के विषय पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि समाज एवं सरकार की मदद से भारत में लोगों की भुखमरी से  मौत नहीं हुई. यह अन्य दुनिया की तुलना में काफी महत्वपूर्ण है. कर्मठता की पराकाष्ठा और कौशल (क्राफ्ट) की पूंजी से ही भारत आत्मनिर्भर बनेगा.  उनका मानना है कि मिट्टी की महक से नया भारत बनेगा.


हम देखें तो एक नायक के तौर पर मोदी संभावनाओं में ही निवेश कर रहे हैं. वे मुख्यमंत्रियों के साथ सतत संवाद कर रहे हैं. उन्हें नेतृत्व दे रहे हैं. अपनी ओर से विविध वर्गों से संवाद कर रहे हैं.

एक लोकतंत्र में संवाद से ही दुनिया बनती और अवसर सृजित होते हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि संकट गहरा है. इंतजाम नाकाफी हैं. सेवाएं गुणवत्तापूर्ण नहीं है. रामराज्य अभी भी प्रतीक्षित ही है. ईमानदारी से कर्तव्य निर्वहन करने वालों की संख्या सीमित है. फिर भी हिंदुस्तान का मन मरा नहीं है. अपनी विशाल आबादी, विशाल संकटों के बाद उसका हौसला टूटा नहीं है. उसकी संवेदनाएं मरी नहीं है.हमारे श्रमदेव और श्रमदेवियों की अपार उपेक्षा के बाद भी हमारे किसानों के लाख संकटों के बाद भी भारत फिर उठ खड़ा होगा. सपनों की ओर दौड़ लगाएगा. भरोसा कीजिए. कोरोना संकट के बाद का भारत एक नई तरह से सोचेगा, व्यवहार करेगा. साथ ही ज्यादा आत्मनिर्भर और ज्यादा समर्थ होगा. फैंस के कोषाध्यक्ष रथिन भद्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया.


इस कार्यक्रम में फैंस के राष्ट्रीय संगठन मंत्री गोलक बिहारी, बिहार व झारखण्ड के राष्ट्रीय सचिव डॉ अमर कुमार चौधरी, महासचिव साकेत मोदी, संयुक्त सचिव राजा बागची, सेल के एक्स एडिशनल डायरेक्टर  डॉ हरिहरन, उत्तराखंड से प्रोफेसर डॉ राघवेंद्र कुमार, सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखण्ड के सहायक कुलसचिव  डॉ शिवेंद्र प्रसाद,  पूर्व न्यायाधीश रमेश कुमार मेरठिया, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र तिवारी, चिन्मय मिशन के ट्रस्टी विनोद गढ्यान, वेद प्रकाश बागला, पवन मंत्री, शशांक भारद्वाज एवं काफी संख्या में लोग मौजूद थे.