अधिकारियों की ट्रान्सफर पोस्टिंग कराने के नाम पर पैसा ऐंठने वाले गिरोह के 02 अभियुक्तों को एस0टी0एफ0 उत्तर प्रदेश नेे जनपद लखनऊ से किया गिरफ्तार।

 ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में STF ने की कार्यवाही- 


CM लिप्त अधिकारियों पर कर सकते हैं ,कड़ी कार्यवाही-


अधिकारियों की ट्रान्सफर पोस्टिंग कराने के नाम पर पैसा ऐंठने वाले गिरोह के 02 अभियुक्तों को एस0टी0एफ0 उत्तर प्रदेश नेे जनपद लखनऊ से किया गिरफ्तार।


    वायरल आडियो क्लिप के सम्बन्ध में उ0प्र0 शासन की जांच के क्रम में अधिकारियों के ट्रान्सफर पोस्टिंग के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले शातिर गिरोह के 02 गौरीकान्त दीक्षित पुत्र गोविन्द नारायण दीक्षित निवासी फ्लैट नं0 1109 के0 डब्लू0 श्रृष्टि अपार्टमेन्ट राजनगर एक्सटेन्सन गाजियाबाद मूल निवासी ग्राम अमौली कला, थाना रामनगर जनपद बाराबंकी कमलेष कुमार सिंह पुत्र श्री कल्पनाथ सिंह निवासी डीहा, थाना जहानागंज, जिला आजमगढ़, हाल पता 2/21 विजयंत खण्ड थाना विभूतिखण्ड जनपद लखनऊ को दिनांक 22.05.2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।


 


  उत्तर प्रदेष शासन द्वारा विगत में वायरल आडियो क्लिप के सम्बन्ध में जांच कराये जाने हेतु एस0टी0एफ0 उ0प्र0 को निर्देषित किया गया था। इस सम्बन्ध में श्री अमिताभ यश, पुलिस महानिरीक्षक, एस0टी0एफ0 उ0प्र0 के निर्देशन में श्री विशाल विक्रम सिंह, प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ उ0प्र0 द्वारा उप निरीक्षक श्री षिवनेत्र सिंह, एसटीएफ, लखनऊ के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच की जा रही थी। उक्त जाॅच के क्रम में लाखोें की ठगी करने वाले गिरोह का भण्डाफोड़ करते हुये अभियुक्त पीयूष अग्रवाल को एस0टी0एफ0 टीम द्वारा दि0-21.05.2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। छानबीन के बाद प्रकाष में आये अभियुक्तों गौरी कान्त दीक्षित एवं कमलेष कुमार सिंह उपरोक्त को दिनांक 22.05.2020 को एसटीएफ टीम द्वारा समय 20ः45 बजे विजयीपुर अण्डरपास गोमतीनगर जनपद लखनऊ से गिरफ्तार किया गया। 
 
गिरफ्तार उपरोक्त अभियुक्तों में गौरीकान्त दीक्षित ने पूछताछ पर बताया कि मैं एवं पीयूष अग्रवाल गाजियाबाद में एक ही सोसायटी में रहते है और हमारे पारिवारिक सम्पर्क है, हम लोग धोखाधडी के कार्यो में लिप्त रहते हैं। मेरे गिरोह का सरगना पीयूष अग्रवाल (कथित दलाल) है। जो एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं डी0डी0 न्यूज का पत्रकार है। इसी कारण उसके तमाम बडे अधिकारियों से सम्बन्ध है जिसका प्रभाव दिखाकर वह लोगों को अपने जाल में फंसाकर ट्रान्सफर करवाने के नाम पर हम लोगों के सहयोग से धोखाधडी करके पैसा ठग लेता है। कमलेष कुमार सिंह से हमारे पुराने सम्बन्ध है। कमलेष कुमार सिंह ने मुझसे एक आई0ए0एस0 अधिकारी की पोस्टिंग उपाध्यक्ष कानपुर नगर विकास प्राधिकरण के पद पर कराने के लिये कहा था, जिस पर मैने पीयूष अग्रवाल से ट्रान्सफर कराने के लिए बात किया तब पीयूष अग्रवाल ने मुझसे कहा कि वह इस कार्य को करवा देगा, लेकिन इसमें 01 करोड रूपया खर्च होगा और इसके ऊपर जो तय होगा उसे हम तीनों आपस में बांट लेंगे। यह डील सवा करोड़ (1.25 करोड़) में फाइनल हुई। इस कार्य हेतु पीयूष अग्रवाल, मेरे साथ एवं कई बार अकेले जनपद गाजियाबाद से लखनऊ आया। मैने ही पीयूष अग्रवाल की कमलेश से मुलाकात लखनऊ मेें कराई थी।


    गौरीकान्त ने बताया कि मेरे ही कहने पर कमलेश ने दिनांक-02.03.2020 को पीयूष अग्रवाल से फोन पर बात करके होटल सिलवर सेवन में जाकर पीयूष अग्रवाल से मिलकर एडवांस के पन्द्रह लाख रूपया एक लिफाफे में उसे दिया था, जिसमेें से उसी समय दो लाख रूपया पीयूष अग्रवाल ने कमलेश कुमार सिंह को दे दिया था, तथा दो लाख मेरे (गौरीकान्त दीक्षित) के बैंक खाते में जमा करवा दिया था। शेष 11 लाख रूपये लेकर पीयूष अग्रवाल इटावा होते हुये दिल्ली चला गया था। ट्रान्सफर कराने हेतु पीयूष अग्रवाल ने काफी प्रयास किया किन्तु लाकडाउन होने के चलते किसी से सम्पर्क नहीं हो सका, जिसके कारण काम नहीं हो पाया। उक्त पैसा मैने एवं पीयूष अग्रवाल के साथ मिलकर धोखाधड़ी से किसी को देने के नाम पर लिया था, और यह सोचा था कि पीयूष अग्रवाल अपने सम्पर्को के माध्यम से काम करवा देगा। इसी बीच मुझे थाना नेव सरांय दिल्ली पुलिस ने फ्राड के पुराने मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, मेरी जमानत पीयूष अग्रवाल ने भाग दौड करके करायी थी। जब मै जमानत पर रिहा होकर आया तब कमलेश कुमार सिंह ने फोन पर बताया कि ट्रान्सफर वाला काम नही हो पाया है।


     मेरी बात खराब हो रही है, मैने कई बार पीयूष अग्रवाल से फोन करके कहा कि काम नही हो पा रहा है तो मेरा पैसा वापस करावा दो। तब मैने पीयूष अग्रवाल से बात किया कि ट्रान्सफर नही हो पा रहा है तो पैसा वापस करदिया जाय जिसके लिए पीयूष अग्रवाल तैयार नही हुआ और कमलेष कुमार सिंह पैसा वापस करने के लिए दबाव बनाने लगे तब हमारा और पीयूष अग्रवाल का आपस मे विवाद हो गया, तब मैने फोन करके कमलेष कुमार सिंह से कहा कि पीयूष अग्रवाल से बात कर लो और उसकी रिकार्डिग करके मुझे भेज दो जिस पर कमलेष ने पीयूष अग्रवाल से बातचीत की और रिकार्डिग मुझे भेज दिया। मैने उक्त रिकार्डिग पत्रकार के माध्यम से वायरल करा दिया था, और बताया कि जो आडियो क्लिप मैने पत्रकार को भेजी है, उसमें पीयूष अग्रवाल व कमलेष कुमार सिंह के बीच में हुई वार्ता ही है। कमलेष कुमार सिंह ने पूछताछ में स्वीकारोक्ति करते हुये बताया कि जो बाते गौरीकान्त दीक्षित ने बताया है वही सत्य हैं। 


  एस0टी0एफ0 टीम द्वारा अभियुक्तों गौरीकान्त दीक्षित एवं कमलेष कुमार सिंह कोे गिरफ्तार कर मु0अ0सं0-242/2020 धारा-420,467,468, 471,201,120बी भा0दं0वि0 व 66 आई0टी0 ऐक्ट थाना विभूतिखण्ड जनपद लखनऊ में दाखिल किया गया अग्रिम विधिक कार्यवाही थाना विभूतिखण्ड पुलिस द्वारा की जा रही है।