जिलाधिकारी की नही सुनते कोई अधिकारी ,डीएम के फोन के बाद भी नही मिला इलाज

मरणासन्न पुत्र के साथ ठोकर खा रहा गरीब पिता,*
*किडनी खराब, खून की कमी से पीड़ित

     जौनपुर। शशिराज सिन्हा।सदर तहसील के चकराजीपुर पचोखर के एक निहायत गरीब और मरणासन्न युवक की दोनों किडनी खराब है, किसी प्रकार मदद मांगकर डायलिसिस उसका वृद्ध पिता करा रहा है, किसी की सलाह पर एक पखवारे पहले वह जिलाधिकारी से मिला तो उन्होने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से फोन कर डायलसिस और उसकी हर संभव सहायता करने का निर्देश दिया। लेकिन उसे कोई भी सहयोग नहीं मिला और दर दर मदद केलिए भटक रहा है। 
   कई विधायक और अन्य रसूखदारों के यहां गुहार लगायी लेकिन उसकी बात नक्कार खाने में तूती की आवाज ही साबित हुई। 
    मंगलवार को पचोखर गांव निवासी सुकरूल्लाह फकीर अपने 19 वर्शीय पुत्र सुभान को किसी प्रकार साइकिल पर लादकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा और पुत्र वहीं जमीन पर लेट गया उसके पास बैठने की भी ताकत नहीं बची है। उसने बताया कि सुभान की दोनो किडनियां खराब है और हीमोग्लोगिन भी बहुत कम है। 
    यदि जिलाधिकारी मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित कर दे तो उसके खून और जिला अस्पताल में निःशुल्क डायलसिस की व्यवस्था हो सकती है। काफी इन्तजार के बाद जिलाधिकारी आये। सुकरूल्लाह ने बताया कि वह जिलाधिकारी से मिला और अपना दुखभरा आवेदन  भी जिलाधिकारी को दिया उन्होने पढ़ा और बिना कुछ लिखे वापस कर दिया और कहा कि जिला अस्पताल चले जाओ, व्यवस्था हो जायेगी। 
  यह नजारा देख वहां मौजूद लोग भी अचंभित हो गये। उसने बताया कि जिलाधिकारी को पहले भी आवेदन दिया था उन्होने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को फान कर निर्देश दिया था लेकिन सीएमएस नेउक्त गरीब और मरणासन्न युवक की कोई मदद नहीं किया। सुभान का कहना है कि यदि शीघ्र उसके पुत्र के खून का इन्तजाम तथा डायलिसिस की व्यवस्था नहीं हुई उसकी मौत निश्चित है।
    इसी प्रकार अनेक गरीब और पीड़ित लोग प्रतिदिन जिला मुख्यालय अपनी पीड़ा लेकर आ रहे है लेकिन उन्हे राहत के नाम पर आस्वासन भी नहीं मिल रहा है महज आवेदन लेकर रख लिया जाता है। एक तो लाक डाउन ऊपर से समस्याओं के बोझ से गरीबों को कोई सहायक नहीं साबित हो रहा है।