कोटेदारों को मेडिकल किट तथा 50लाख का बीमा कवर की दी जाए सुविधा

*छोटे व्यापारियों की ईपास अनिवार्यता को खत्म किया जाए- उमा शंकर ओमर*
*फ़तेह बहादुर गुप्त*


*कोटेदारों को मेडिकल किट तथा 50लाख का बीमा कवर की दी जाए सुविधा*
     रतनपुरा (मऊ)। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में ईपास की अनिवार्यता को लेकर के छोटे व्यापारियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार छोटे व्यापारी जब अपनी दुकान खुलवाने के निमित्त पोर्टल पर ईपास के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो उस पर जीएसटी का नंबर मांगा जा रहा है। जो कि छोटे व्यापारियों के लिए संभव नहीं है। 
*वहीं दूसरी तरफ जनपद के कोटेदार इन दिनों काफी परेशान हाल हैं।* इन सभी परेशानियों पर उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष उमाशंकर आेमर ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लाक डाउन की स्थिति में केंद्र सरकार द्वारा जो गाइडलाइन निर्धारित की गई है, उसके तहत छोटे व्यापारियों को बिना पास के ही दुकान खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। ताकि 2 माह से लाक डॉउन में दुकान बंद करके दुश्वारियां झेल रहे व्यापारियों को अपने और अपने परिवार का जीवन यापन करना काफी मुश्किल हो गया है। 
  जिला प्रशासन के तरफ से इलेक्ट्रिक, सर्राफा सहित उन तमाम कारोबारियों को जिन्हें प्रदेश सरकार द्वारा कारोबार करने की अनुमति दी गई है। उन व्यापारियों की दुकान खोले जाने की घोषणा के बावजूद भी ईपास के अभाव में अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानें नहीं खुल पाई हैं। क्योंकि उनका ईपास बन नहीं पा रहा है। जिससे उनके सामने भुखमरी की नौबत आ गई है।
    जिलाध्यक्ष श्री उमाशंकर ओमर ने बताया कि खाद्य एवं रसद विभाग से जुड़े  उचित दर विक्रेता (कोटेदार) पिछले दो माह से केंद्र सरकार के निर्देश पर निशुल्क राशन वितरण का कार्य कर रहे हैं। परंतु उन्हें अभी तक मेडिकल कीट, 50 लाख का बीमा कवर उपलब्ध नहीं कराया गया है।
    जिससे उचित दर विक्रेता अपने को काफी असहाय और ठगा हुआ  महसूस कर रहे हैं।
   *जबकि लाक डाउन की अवधि में कोरोना वायरस योद्धा के रूप में कार्य कर रहे उचित दर विक्रेता इन दिनों काफी जोखिम से घिरे हुए हैं।* 
 उन्हें मेडिकल किट, और 50 लाख का बीमा कवर की सुविधा देते हुए तत्काल उन्हें ईपास मशीन के जरिए वितरण के बजाय मैनुअल वितरण किए जाने का निर्देश राज्य सरकार द्वारा दिया जाना चाहिए।
  ताकि उचित दर विक्रेताओं के जोखिमो को कम किया जा सके।
   व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष उमाशंकर ओमर ने छोटे व्यापारियों के दुकानों को खोलने के निर्देश में अनुमति का प्रावधान खत्म किया जाए। अथवा उन्हें भी लाकबंदी के दौरान किसी राहत पैकेज  की घोषणा की जाए, ताकि वे अपने और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।
जिलाध्यक्ष उमाशंकर ओमर ने बंदी से मुक्त किए गए व्यापारियों से आग्रह किया है कि वह सरकार द्वारा सुझाए गए निर्देशों का अक्षरस: पालन करें, दुकान पर मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ग्राहकों की सेवा करें। 
  ताकि  वैश्विक कोरोना वायरस के संक्रमण से अपना और दूसरों का बचाव किया जा सके।