लॉकडाउन के चलते राजस्व में भारी गिरावट


*पेट्रोल डीजल के मूल्यों पर वैट लगा सकती है योगी सरकार*
      लखनऊ। कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगातार बढ़ाया जा रहा है। इस लॉकडाउन का सबसे बुरा असर देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश के सरकारी ख़जाना खाली होता जा रहा है।
    वित्तीय वर्ष 2020- 2021 के पहले महीने अप्रैल में ही वित्त विभाग के राजस्व में भारी गिरावट आई है। स्थिति ये है सरकार को इस अप्रैल महीने में वार्षिक लक्ष्य का मात्र 1.2 प्रतिशत राजस्व और 1.5 करेत्तर राजस्व प्राप्त हुआ है। मामले में वित्त विभाग अब इस घाटे को पाटने की कोशिश में लगा हुआ है।
     राज्य सरकार अतिरिक्त संसाधन जुटाने की कोशिश कर रही है, साथ ही सरकार के गैर जरूरी खर्च में भी कटौती कर रही है।
   वहीं वित्त विभाग अब पेट्रोल डीजल पर वैट बढ़ाने को लेकर भी विचार कर रहा है।
    प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना कहते हैं कि कोरोना की वजह से प्रदेश को भारी नुक़सान हुआ है। उन्होंने कहा कि नुकसान के बावजूद सरकार वेलफेयर के काम करती रहेगी।
    कोविड-19 महामारी को देखते हुए राज्य सरकार की तरफ़ से, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती की गई है। इसके साथ ही विधायक निधि एक वर्ष के लिये स्थगित कर दी गई है।
   राज्य सरकार द्वारा राजस्व प्राप्तियों में आई कमी को देखते हुए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिये प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि इस बीच प्रदेश के राजस्व में आई भारी गिरावट के बाद भी राज्य सरकार द्वारा अपने 16 लाख कर्मचारियों और 12 लाख पेंशनरों को उनके माह अप्रैल, 2020 के वेतन और पेंशन का पूरा भुगतान किए जाने के निर्देश जारी किये गये हैं।
   वित्त विभाग की तरफ़ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक़ वर्ष 2020-21 के लिए 1,66,021 करोड़ रुपये लक्ष्य निर्धारित है, जिसके सापेक्ष अप्रैल महीने में 2012.66 करोड़ रुपये की ही ही प्राप्त हुई है। ये निर्धारित वार्षिक लक्ष्य का मात्र 1.2 प्रतिशत है।