●स्पेशल ट्रेन से होगी फंसे मजदूरों और छात्रों की आवाजाही
●गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन में स्पेशल ट्रेन चलाने की इजाजत दी
देश में लगातार कोरोना वायरस के मरीजों के आंकड़ों में इजाफा देखने को मिल रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है. इस बीच लॉकडाउन में फंसे लोगों को ट्रेनों के जरिए उनके गृह राज्य तक पहुंचाए जाने की अनुमति मोदी सरकार ने दे दी है.
गृह मंत्रालय ने बताया, 'गृह मंत्रालय ने फंसे छात्रों और मजदूरों को सभी सुरक्षा उपायों के साथ ले जाने के लिए स्पेशल ट्रेनों को चलाने की आज अनुमति दी है.' दरअसल, केंद्र सरकार ने मजदूरों को गृह राज्य भेजने सहित तमाम गाइडलाइन जारी की है. जिसके बाद देश के कई राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की थी.
गृह मंत्रालय ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों के साथ ही तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और अन्य व्यक्तियों के आवागमन को भी मंजूरी दी गई है. लॉकडाउन में फंसे ऐसे लोगों के लिए रेल मंत्रालय के जरिए विशेष ट्रेने संचालित की जाएंगी. वहीं राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए रेल मंत्रालय के जरिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा.
*झारखंड के लिए रवाना पहली ट्रेन*
वहीं केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को वापस लाने की प्रक्रिया राज्य सरकारों ने शुरू कर दी है. राज्य सरकार की मांग पर रेल मंत्रालय ने पहली स्पेशल ट्रेन चलाई है, जो शुक्रवार की सुबह तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे मजदूरों को लेकर झारखंड के लिए रवाना हुई है. ये ट्रेन रात 11 बजे हटिया पहुंचेगी.
*पास की जरूरत नहीं*
गृह मंत्रालय ने बताया कि राज्यों के जरिए एफसीआई से 62 लाख टन गेहूं और चावल बांटे जा चुके हैं. वहीं मालवाहक वस्तुओं की आवाजाही की स्थिति में सुधार हुआ है. साथ ही गृह मंत्रालय ने ट्रक और वस्तुओं को लाने-ले जाने वाले वाहनों की सुचारू आवाजाही के लिए सभी राज्यों को एक पत्र लिखा है. साथ ही कहा है कि उनके लिए कोई अतिरिक्त पास की आवश्यकता नहीं है.
गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि रेलवे ने 13 लाख वैगन से अधिक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है. ट्रक और सामान ढोने की आवाजाही में बढ़ोतरी हो रही है. आर्थिक गतिविधियों के लिए यह जरूरी है कि राज्य की सीमाओं पर ट्रकों को रोका नहीं जाए. अभी भी कई राज्यों में ऐसी समस्या आ रही है. गृह मंत्रालय ने फिर से स्पष्ट किया है ट्रक और मालवाहक वाहनों को किसी पास की जरूरत नहीं है. चाहे वो भरे हों या खाली हों.