नोएडा में कोरोना पॉजिटिव मरीज ने बस या ट्रेन में सफर किया तो होगी जेल

 



नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने कहा कि कोरोना मरीज यदि किसी भी सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करेगा तो उसे तीन साल की जेल और दो लाख रुपये तक का जुर्माना भरना होगा। अब क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती कोई भी मरीज कोरोना वॉरियर्स के साथ अभद्रता नहीं कर सकेगा और यदि कोई मरीज ऐसा करता है तो पुलिस उससे सख्ती से निपटेगी।


पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद बनाए गए नए कानून के संबंध में पुलिस अधिकारियों को जानकारी देते हुए इसका पालन कराने के निर्देश दिए और कहा कि कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के लिए सरकार ने यह कानून बनाया है, जिसका पालन पुलिस कराएगी।



क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा। इसके अतिरिक्त अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष सजा और जुर्माना दस हजार रुपये से लेकर एक लाख तक होगा। अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और 50 हजार से एक लाख रुपये तक के जुर्माने और लॉकडाउन तोड़ने तथा इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।


उन्होंने बताया कि अगर कोरोना का कोई मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है और 50 हजार रुपये से एक लाख तक का जुर्माना देय होगा।


*👉बदसलूकी करने पर सजा-*


स्वास्थ्य कर्मियों, पैरा मेडिकल कर्मियों, पुलिस कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन द्वारा तैनात किसी भी कोरोना वॉरियर्स पर किए गए हमले या बदसलूकी पर छह माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही 50 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।


*👉दो लाख तक जुर्माना लगेगा*


कोरोना वॉरियर्स पर थूकने, किसी तरह की गंदगी फेंकने और क्वारंटाइन के दौरान आइसोलेशन तोड़ने और इनके खिलाफ हमले या बदसलूकी के लिए भड़काने वाले पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। इसके लिए दो से पांच वर्ष तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।