राहुल गांधी :जिन राज्यों में  तुम्हारी सरकार है वहां से क्यों पलायन करवा रहे हो

कुछ प्रवासी मज़दूर राहुल के घर पहुँच गए जिनको इसने धक्के मार के निकलवा दिया .. जब उन्होंने लाइव सब बताया तो कुछ मज़दूरों को डेटोल में डुबो के 5 मिनट सड़क किनारे बैठ के फोटो खिंचवा ली .. हो गयी भरपाई ....!


राहुल जी मज़दूरों के लिये इतना ही दर्द है तो अपने शासित राज्यो से पलायन क्यों करवा रहे हो ..??? राजनीति करने के लिये ...?? आज बोल रहे हो कि मज़दूरों के खाते में डायरेक्ट पैसा डाल दो। आपकी मम्मी की सरकार ,आपके पापा की सरकार, आपदी दादी की सरकार ऊपर से आपके परदादा की सरकारों ने कितनो मज़दूरों के खाते खुलवाए थे - जरा देश को आंकड़े देना ..?? तब तो खुद के परिवार के अलावा किसी गरीब के खाते नही खुले ..??


तुम्हारे पापा 1 रुपिया भेजते थे 15 पैसे गरीब के पास पहुँचते थे फिर भी 20 साल तक किसी का खाता नही खोला क्यों .??
मोदी जी जब जन धन खाते खोल रहे थे तब खूब खिल्ली उड़ा रहे थे कि पैसा कहाँ है जो गरीब डालेगा ??


तुम्हारे राज में 33 रुपिया कमाने वाला सेठ था ?
तुम्हारी अम्मी की सरकार कहती थी पैसा पेड़ पर नही उगता अब उगने लगा ..??


जब केदार नाथ आपदा आई थी जो छोटे से एरिया में थी करीब 3000 लोग पीड़ित थे, तुम्हारी सरकार ने क्या किया था किसी से छुपा नही है .. श्रद्धालुओं की लाशों को कुत्ते नोच नोच कर खा रहे थे ,5 रुपये वाला पारले जी 300 रुपये तक बिका था ?? तुम्हारे जीजा वाड्रा ने लाशों तक का सौदा किया था ,केदारनाथ से एक लाश उठवाने का 5 लाख कमाया था .. तो कुल कितने लाख कमवाये थे जीजाजी को ,बताओगे ??


जिन राज्यों में  तुम्हारी सरकार है क्यों पलायन करवा रहे हो .. 


उनको 3 महीने बैठा के खिला नही सके क्यों ??
भगा इसलिये रहे हो तुम्हारी सरकारों की नाकामी बढ़ते पॉजिटिव केस .. यूपी की 23 करोड़ की आबादी के बाद भी कम केस .. ये हजम कैसे हो .. तो अपने यहाँ से भगा कर राजनीति शुरू कर दी कि कैसे भी करके मोदी और भाजपा की राज्य सरकारो  को घेर सको ... सोचते हो किसी को ये चाले समझ नही आती ??? बेवकूफ हो फिर तो !


जिस महामारी से पूरी दुनिया त्रहिमाम कर रही उसको इस देश के प्रधानमंत्री ने किस कुशलता से विशाल जनसंख्या को संभाला है ये पूरी दुनिया को पता है तुम्हारी अम्मी की सरकार होती तो अब तक 5 करोड़ मर चुके होते..!


लाशों पर राजनीति करने वालो से भी एक सवाल है जिसने खुद का 5 जनों का घर संभलता नही चले है ज्ञान देने ... एक शादी जिसमे 500 लोग होते उसमे भी 28 फूफा बिना खाये चले जाते तो तुम वही 28 फूफा हो,करना धरना कुछ नही बस खुरच खुरच कर नमक मिर्च लगा के पूरी दुनिया की फ़ोटो भारत की कह कर चेपे पड़े हो .. 


अब सरकार सहायता पैकेज ला रही तो उसका भी विरोध .. इससे क्या होगा ?अगर यही 70 सालो से होता तो पलायन की नौबत ही क्यों आती। खुद के शहर कस्बे राज्य में रोजगार क्यों नही है अब तक ..? किसकी सरकारें थी अब तक ??
कानपुर की मिले किसके षणयंत्रो से एक एक करके बंद हो गईं ?


जयहिंद     ..... 
________________________________________