12 लाख की लापता पत्रावली के मामले में हाई प्रोफाइल जांच
12 लाख की लापता पत्रावली के मामले में हाई प्रोफाइल जांच


अरविन्द सिंह !अयोध्या: डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में गत दिनों 12 लाख के भुगतान की पत्रावली गायब होने का मामला तूल पकड़ने लगा है। सर्मेंचिंग आईज में  खबर के प्रकाशन के बाद कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने इस मामले पर हाई प्रोफाइल जांच बैठा दी है। जांच का जिम्मा विश्वविद्यालय के सीनियर प्रो. अजय प्रताप सिंह को दिया गया । प्रो. अजय प्रताप सिंह को जांच मिलने से हड़कंप है। वे इस समय चीफ प्रॉक्टर पद पर तैनात हैं।


       प्रो. सिंह ने प्रति कुलपति प्रो. एसएन शुक्ला व शारीरिक शिक्षा विभाग के पूर्व समन्वयक प्रो. एमपी सिंह सहित पांच को नोटिस देकर जवाब तलब किया है। दरअसल प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह व प्रो. एमपी सिंह एक दूसरे के धुर विरोधी हैं। इसी वजह से इस जांच कमेटी की अहमियत व इसकी की चर्चा आम है। देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है। सूत्रों के अनुसार प्रो.एमपी सिंह को छोड़कर सभी का जवाब दाखिल हो चुका है। शारीरिक शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने अपना बयान भी दर्ज कराया है। इस मामले में जांच के बाद एफआईआर होनी है।


       क्लाइंबिग वॉल विश्वविद्यालय खेलों में शामिल होने के बाद इसे अवध विश्वविद्यालय ने न सिर्फ अंगीकार किया बल्कि तेजी से इसके लिए आवश्यक खेल सामग्री भी जुटाना शुरू किया। इसी के क्रम में एमिटी सेंटर में क्लाइंबिग वॉल निर्मित किया गया। जब इसके भुगतान की बारी आई तो इसकी पत्रावली गायब कर दी गई। पत्रावली खेल विभाग के डॉ. मुकेश वर्मा ने भुगतान के लिए आगे बढ़ाई थी। प्रति कुलपति कार्यालय पहुंचने के बाद पत्रावली कहां गई इसका कुछ पता नहीं है। डॉ. मुकेश वर्मा को भी इस मामले में नोटिस जारी हुई है । इसी को लेकर कुलपति की ओर से बार-बार चेतावनी दी जाती रही, लेकिन इसका असर नहीं हुआ तो वीसी ने प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह कोई इसका जांच का जिम्मा भी सौंप दिया । उन्हें जांच कर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा गया है । हालांकि प्रो. अजय प्रताप सिंह इस मामले पर बोलने को तैयार नहीं है लेकिन सूत्र बताते हैं कि जल्द ही प्राथमिकी दर्ज होगी।