मैकुनिशा श्रीवास्तव , जौनपुर: वैश्विक महामारी कोरोना से जंग जीतने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ने के साथ ही संक्रमितों के ग्राफ में भी वृद्धि हो रही है। शनिवार को जहां 13 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई वहीं दो बंदियों समेत 20 नए पॉजिटिव मिले। इनमें एक बंदी जमानत होने के बाद घर जा चुका है। जनपद में अब तक 615 मरीज जहां स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं वहीं 223 सक्रिय केस बचे हैं। पीड़ितों का आंकड़ा जहां 849 हो गया है वहीं 11 की मौत भी हो चुकी है। इस दौरान संक्रमण से बचाव को लेकर मड़ियाहूं सहित सभी प्रमुख ग्रामीण बाजारों को सैनिटाइज किया गया।
जिला चिकित्सालय के ट्रूनेट व आरटी-पीसीआर से हुई जांच में सबसे अधिक धर्मापुर विकास खंड के 10, जलालपुर, बदलापुर और सोंधी के एक-एक मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सूचना पर परिवार के लोग वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय स्थित एल-1 आकर स्वस्थ हुए लोगों को ले गए। संक्रमित मरीजों में दो बंदियों का अस्थाई जेल में सात जुलाई को जांच हुई थी। बक्शा की लेदुका निवासी महिला, मछलीशहर में पीड़ित के संपर्क में आने वाले चार मरीज हैं। वहीं बरसठी क्षेत्र के कटवार गांव में शनिवार को दो लोग कोरोना पाजिटिव आने के बाद पूरा गांव सकते में आ गया है। कोरोना संक्रमित युवक की मौत प्रयागराज स्थित स्वरूप रानी अस्पताल में बुधवार को हो गई थी। संक्रमित मृतक के पिता और एक परिवार से है। रामनगर क्षेत्र के वशीरपुर निवासी युवती, किशोर व बच्ची की भी रिपोर्ट पाजिटिव आई है। चिकित्साधीक्षक डा. अजय सिंह ने बताया कि दोनों पाजिटिवों को अस्पताल भेजने की तैयारी चल रही है। वहीं नगर के चार मरीज विशेषरपुर और दो ईशापुर मोहल्ले के हैं। सीएमओ ने कहा कि पीड़ितों के संपर्क में आने वालों की पहचान करके जांच कराई जाएगी।
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शासन के आदेश पर बंद रहीं दुकानें, सड़कों पर भी रहा सन्नाटा
कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए सप्ताह में दो दिन शनिवार व रविवार को संपूर्ण बंदी का आदेश दिया है। इसी के चलते शनिवार को जिला मुख्यालय सहित अन्य सभी छोटे-बड़़े कस्बों व बाजारों में भरपूर बंदी का असर दिखा। दवा, दूध, सब्जी-फल आदि आवश्यक सामानों की दुकानें ही खुली रहीं। सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी सामान्य दिनों की तुलना में नगण्य रही। राजमार्गों को छोड़ अन्य मार्गों पर सन्नाटा पसरा रहा। बंदी को सफल बनाने के लिए जिले भर में पुलिस सक्रिय रही। सरकारी कार्यालयों के खोले जाने के फरमान के चलते कुछ कर्मचारियों को अपने कार्यालयों में पहुंचने में दिक्कत भी हुई क्योंकि सार्वजनिक वाहन का परिचालन ठप रहा।