राप्ती नदी में समाए डेढ़ सौ बीघे खेत

सचिन सिंह - इकौना (श्रावस्ती): राप्ती नदी का जलस्तर स्थिर है। तेज बहाव के चलते कटान तेज हो गई है। इकौना ब्लॉक के चयपुरवा, कुम्हारगढ़ी व लौकिहा में लगभग डेढ़सौ बीघे खेत नदी की धारा में समा गए। 10 घर कटान के मुहाने पर हैं। ग्रामीण सामानों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।


चयपुरवा व कुम्हारगढ़ी गांव में विश्वनाथ, छोटे लाल, बच्चा राम, संचित, प्रह्लाद, गरीबदास, समयदेवी आदि की लगभग सौ बीघा कृषि भूमि नदी में समाहित हो चुकी है। जंगली, राम अभिलाख, बेचन लाल समेत 12 लोगों के घर कटान के मुहाने पर हैं। गांव के लोग कटान को लेकर भयभीत हैं। भुतहा, लैबुड़वा, मनिकाकोट, दहावरकला, इमलिया, मुस्काबाद आदि गांवों में भी कटान का खतरा बढ़ गया है। राप्ती का जलस्तर सुबह आठ बजे 127.40 सेमी, दोपहर 12 बजे 127.40 व दोपहर तीन बजे 127.30 सेमी रिकॉर्ड किया गया। इन गांवों पर भी मंडराया बाढ़ का खतरा


तटवर्ती गांव जोगिया, शमशेरगढ़, भरथा, लक्ष्मनपुर सेमरहनिया, पोंदला, पोंदली, अशरफनगर, सर्रा, वीरपुर लौकिहा, रमवापुर, दुर्गापुर, मनिकापुर, लालबोझा, सुल्तानजोत, टिकुइया, शाहपुर कला, दर्वेश आदि गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अशरफनगर गांव कटान के मुकाने पर हैं।


राप्ती के निशाने पर मधवा घाट पुल


घटते-बढ़ते जलस्तर के बीच राप्ती नदी की कटान भी तेज हो गई है। जमुनहा ब्लॉक क्षेत्र के मधवापुर घाट की ओर राप्ती की लहरें बढ़ रही हैं। अगर कटान ऐसे होता रहा तो मधवापुर घाटब पुल का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। पुल के साथ सड़क भी कट कसती है।