राममंदिर भूमिपूजन के एक दिन पहले जितने भी संत महात्मा अयोध्या आ रहे हैं वो सब पहले कनक भवन में मां सीता के दर्शन कर रहे हैं.
अयोध्या: कनक भवन में आज उत्सव का माहौल है. राम मंदिर भूमि पूजन के एक दिन पहले मां सीता के मंदिर में भक्त जुटे हुए हैं, जितने भी संत महात्मा अयोध्या आ रहे हैं, सब के सब पहले कनक भवन आकर दर्शन कर रहे हैं. कनक भवन मां सीता का मंदिर है. यहां आज सारे बड़े नेता और संत दर्शन करने के लिए जुट रहे. बीजेपी के नेता जय भगवान गोयल मंदिर में पहुंचे और आशीर्वाद लिया. उनका कहना है कि ये देश के लिए खुशी का दिन है जो अन्ततः राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. इसका श्रेय कारसेवकों को जाता है. उन सभी भक्तों को श्रेय जाता है जो राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए.
महामंडलेश्वर नवल किशोर दास दिल्ली से कल के कार्यक्रम में शरीक होने के लिए आये हुए हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या में दुनिया का सबसे भव्य मंदिर बनेगा. इससे आगे की पीढ़ियों को सीख मिलेगी. जो युवा इधर उधर भटक रहे थे, वो भी भक्ति रास्ते पर आएंगे. श्रेय कल के दिन के लिए पूरी तरह से कारसेवकों को जाता है.
कनक भवन का ऐतिहासिक महत्व काफी है. वैसे तो इसका इतिहास सदियों पुराना है मगर आधुनिक इमारत के निर्माण वृषभानु कुंवरि ने 1891 में करवाया था. इसीलिए ये इमारत बुंदेला कला की प्रतिबिम्ब है. इस इमारत का उल्लेख पुराने ग्रंथों में मिलता है. विक्रमादित्य ने इसका जीर्णोद्धार किया. मगर समय के साथ और बाहरी आक्रमण के कारण ये महल ज़मींदोज़ हो गई, जिसके बाद ओरछा की रानी ने ये नया महल बनवाया.
मिथकों के अनुसार सीता माता जब ब्याह कर ससुराल अयोध्या आईं तब कैकेयी ने उन्हें ये महल मुंह दिखाई में दिया था. ये महल अयोध्या का सबसे खूबसूरत और भव्य मंदिर है. आज यहां की शोभा निराली है.