जेएनयू को मिले 455 करोड़ रुपये, शिक्षा मंत्रालय के हायर एजुकेशन फंडिंग एंजेंसी ने दिया अप्रूवल

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से बने शिक्षा मंत्रालय की हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी (एचईएफए) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को परिसर के फिजिकल और आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए अनुदान का अनुमोदन किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अपडेट के अनुसार एचईएफए ने जेएनयू को परिसर के भीतर नये शिक्षण भवन, छात्रावास, शोध केंद्रों के निर्माण और इंटीग्रेटेड व यूनिफाइड इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग सिस्टम के इंस्टालेशन के लिए 455.02 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है।


एचईएफए से जेएनयू को मिली फंडिंग के बारे में वाइस-चांसलर एम. जगदेश कहा कि इस फंड का उपयोग विभिन्न स्कूलों एवं सेटरों में छात्रावास के निर्माण और रिसर्च एवं डेवेलपमेंट से सम्बन्धित विभिन्न जरूरतों के लिए किया जाएगा। साथ ही, ईआरपी के क्रियान्वयन से सभी शैक्षणिक एवं प्रशासनिक कार्यों को ऑनलाइन और समन्वित ढंग से किये जा सकेंगे।


  जेएनयू के विभिन्न कोर्सेस में दाखिले के लिए हर साल लगभग 1.3 लाख आवेदन विश्वविद्यालय को प्राप्त होते हैं और इनमें सिर्फ 2000 छात्रों जेएनयू हर वर्ष दाखिला देता है। ऐसे में जो छात्र दाखिला नहीं पाते हैं वे अनुदान से क्रियान्वित किये जाने वाले ईआरपी सिस्टम की मदद से बनने वाले ई-लर्निंग स्पेशल सेंटर से ऑनलाइन डिग्री कोर्स कर पाएंगे। इन छात्रों को भी जेएनयू की फैकल्टी से पढ़ने का मौका मिलेगा। यह हाल ही में लागू हुई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में भी है।


बता दें कि हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी (एचईएफए) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कैनरा बैंक और शिक्षा मंत्रा का संयुक्त उपक्रम है। एचईएफए द्वारा भारत के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों (जैसे आईआईटी, आईआईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी, एम्स, आदि) में एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और रिसर्च एवं डेवेलपमेंट के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। एजेंसी के दायरे को स्कूल एजुकेशन और स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत शिक्षण संस्थानों, आदि तक भी बढ़ाया गया है।